आंटी की चुदाई
![]() |
सेक्स स्टोरी हिंदी |
सेक्सी मल्लू आंटी की रूम में ले जाकर रात भर चुदाई
हेलो दोस्तों मेरा नाम सौरभ है , में मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला हु , पर में पिछ्ले एक साल से दिल्ली के होटल में जॉब कर रहा हु , वहां काम करते हुए एक साल हो गए हे लेकिन में ने अभी तक कोई लम्बी छुट्टी नहीं लिया था ,इसलिए में वहा काम करते हुए बहुत ज्यादा बोर हो गया था ,इसलिए मेने प्लान किया की कही घूमने ही जाऊ।
चूँकि में दिल्ली में अकेला रहता हु , इसलिए भी घूमने जाने का प्लान भी अकेले ही किया था , क्युकी और फ्रेंड्स की छुट्टी नहीं थी , क्युकी सब अलग अलग जगह जॉब करने वाले दोस्त थे, इसलिये मेने अकेले ही मथुरा , वृन्दावन जाने का प्लान किया , क्युकी मेरी पुरे एक हफ्ते की छुट्टी थी तो मेने फैसला किया किया पुरे दिन घूम कर आऊंगा , हो सका तो आगरा भी घूम आऊंगा। में शाम को ऑफिस से अपना काम ख़त्म करके जल्दी अपने रूम पर आकर अपना बैग पैक करके आगरा के लिए निकल गया , चूँकि मेरा रिज़र्वेशन नहीं था , इसलिए मेने फैसला किया की में दिल्ली से बस में बैठकर जाऊंगा।
मेरा प्लान था की पहले में डायरेक्ट आगरा जाऊंगा वहा पहले जो भी देखने के लिए जगह है सारी जगह देखूंगा , उसके बाद मथुरा बृन्दावन घूमने जाऊंगा , फिर में दिल्ली में बस पर बैठ गया और बस डायरेक्ट बस थी , जो की सीधे दिल्ली से आगरा जा रही थी , में बस में अपना सीट नंबर लेकर बैठ गया , मेरे बगल वाली सीट में एक आंटी आकर बैठ गयी , जिनके साथ एक आठ साल का बच्चा भी था , वो उन्ही का लड़का था , वो लोग भी घूमने जा रहे थे आगरा , वो मेरे पास आकर पूछने लगी आप कहा जाओगे , कहा रहते हो , क्या करते हो , चूँकि महिलाये नोर्मली ऐसी बाते अक्सर करती है , तो में भी उनसे ऐसे ही बाते करने लगा , आंटी लगभग ३३-३४ साल की होंगी , मेने पूछा की आंटी आपके साथ अंकल नहीं आये क्या , तो उन्होंने कहा नहीं , उन्हें टाइम नहीं मिलता लेकिन बच्चे की छुट्टी थी तो में ही इसे लेकर घूमने चली आई , क्युकी ताजमहल मुझे भी देखना है , मुझे घूमने का बहुत शोक है ,लेकिन मेरे हस्बैंड को जल्दी टाइम नहीं मिलता है , इसलिए में ही अपने बच्चे को लेकर चली आई।
आंटी दिखने में बहुत सेक्सी लग रही थी , उनकी बातो से भी लग रहा था की वो अपने हस्बैंड से ज्यादा चुदवाती नहीं होगी , क्युकी उसका हस्बैंड ऐसे ही हमेशा बिजी रहता होगा , और वो पड़ोसियों से चुदवाती होगी , क्युकी उसका रेहन सहन काफी स्टैंडर्ड लग रहा था , ऐसा लग रहा था ,वो काफी बड़े घराने से हे , और बता भी रही थी की उसका हस्बैंड कोई बिजनेसमैन है , और उसके बातचीत करने का ढंग भी काफी ज्यादा सेक्सी था ,और मेने भी आंटी की चुदाई का प्लान कर लिया था वो प्रोफेशनल चुदरू लग रही थी , लेकिन उनका एक बेटा भी था तो ,मेने तो ध्यान देना बंद कर दिया था और अपने हेडफोन लगाकर बैठ गया , लगभग दो घंटे चलने के बाद बस एक जगह रुकी दस मिनिट के लिए , वहा चाय नास्ता करना था सभी को फिर हम लोग निचे उतर गए मेने कुछ चिप्स के पैकेट और बिस्किट्स ले लिए थे , और वही बाहर चाय पी लिया था मेने और उसके बाद हम लोग जब अंदर आये तो मेने देखा की आंटी अंदर बच्चे के लिए बहुत सारा सामान ले रखी थी , उन्होंने मुझसे भी पूछा आप कुछ लेंगे , मेने कहा नहीं मेने भी काफी कुछ लिया है।
फिर कुछ देर हुए जब बस चली तो सारे लोग जाग रहे थे , शाम होने को थी हलकी हलकी ठण्ड लगने लगी थी , फिर आंटी ने अपनी शाल निकालकर अपने बेटे को उढ़ाकर उसे सुला लिया , फिर आंटी मुझसे पूछने लगी ,आप अकेले आये आपके फ्रेंड्स नहीं आये , मेने बताया नहीं आंटी में अकेले ही आया हु , फिर उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा आपको में आंटी दिखती हु क्या , मेने कहा नहीं वो आपका बीटा हे न तो इसलिए आंटी ही मुँह से निकल जाता है , उसने कहा अरे कोई बात नहीं मुझे बहुत से बच्चे आंटी बोलते है , मेरी तो आदत है , फिर वे मुझसे पूछने लगी आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हे क्या , मेने कहा हे पर यहां नहीं है , उत्तराखंड में रहती है , और में भी वही से हूँ , पर अब में जब से दिल्ली आया हु तबसे उस से मिला नहीं हु , लगभग एक साल हो गए हे , तब आंटी ने कहा अरे फिर तो आपको बहुत याद आती होगी उसकी , मेने कहा जी हां। और इसी तरह हमारी बाते फिर से चालू हो गई।
कुछ देर बाद ठण्ड और ज्यादा बढ़ने लगी उनका बेटा सो चूका था , उसने साल ओढ़ के रखा था , फिर उन्होंने भी अपनी साल निकाल कर ओढ़ ली और मेने भी अपने साथ एक चादर ले गया था उसे ओढ़ लिया , फिर उन्होंने अपने बच्चे को अच्छे से लेटा कर मेरी और खसक कर बैठ गयी , चूँकि बच्चा लेता हुआ था , तो आंटी मेरी तरफ हो गयी थी , और मुझसे एकदम चिपक कर बैठ गयी थी , और ठण्ड वैसे भी लग रही थी , तो मुझे भी अच्छा लग रहा था , अब बस के अंदर के लाइट्स बंद हो गए थे , और आंटी अँधेरे का फायदा उठा कर कुछ हरकते चालू कर दी थी , उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सोने का नाटक करते हुए , अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया था , अब मुझे पता था की वो सो नहीं रही है , और उनकी इतनी ही हरकत मात्र से मेरा लण्ड खड़ा हो गया था , फिर मेने भी सोने का नाटक किया ,और मेने अपनी गर्दन लुढ़का दिया ,और अपने पैरो को रिलैक्स करके फैला लिया , में देखना चाहता था की वो क्या करना चाहती है।
अब बस में अँधेरा फैला हुआ था , ठंडी हवा बह रही थी ,सभी लोग अपने साधन से ओढ़ ढँक कर सो रहे थे , और आंटी मुझसे चिपक कर मेरे कंधे पर सर रख कर बैठे बैठे सोने का नाटक कर रही थी , उनके साइड में उनका बच्चा लेटा हुआ था , फिर लगभग आधे घंटे बाद जब सचमुच मुझे नींद आने लगी थी , तो मुझे कुछ एहसास हुआ की मेरी नींद खुल गयी ,लेकिन में फिर भी सोने का नाटक कर रहा था , फिर आंटी ने मेरी जांघ पर से हाथ को मेरे लण्ड की और करने लगी , और दोस्तों लण्ड एक ऐसी जगह है की वहा कोई हाथ लगाए तो पता लग ही जाता है , पर शायद आंटी को लगा की में सो रहा हु , और वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी , फिर मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया था , अब आंटी को मजा भी आ रहा था , और में मन ही मन सोच रहा था की ,आंटी को उसके हस्बैंड ने कसकर चोदा नहीं शायद इसलिए इतना तड़प रही है ,अब आंटी ने बस में अंधेरे का फायदा और शाल की आड़ लेकर मेरे जीन्स की चैन खोलने लग गई , और उन्होंने बड़ी ही आसानी से मेरे जीन्स की चैन खोलकर मेरे लैंड को बाहर निकाल लिया।
अब दोस्तों मेरी नींद उड़ चुकी थी , और वो भी समझ ही गयी होगी की अब में नींद में नहीं हूँ , फिर वो मेरे लण्ड को ऊपर निचे करने लगी जिस से मेरे लण्ड का पानी निकलने लगा , उस पानी को वो अपने अंगूठे से मेरे लण्ड के टोपे से घिसने लगती , जिस से मुझे और ज्यादा मजा आ रहा था , और मुझे लगा की अब मेरी छूट हो जाएगी ,मतलब मेरा वीर्य निकलने वाला था लेकिन मेने ,अचानक आंटी के हाथ को हटाते हुए उठने का नाटक करने लगा , और आंटी ने झट से अपना हाथ हटा लिया , फिर हम लोग कुछ देर बाद आगरा पहुंचने ही वाले थे , जब सब उठने भी लगे थे , बस अपने स्टेण्ड के पास पहुंचने ही वाली थी की , फिर आंटी ने मुझसे पूछा आप कहा रुकोगे , तो मेने कहा अब जाकर पता करूँगा किसी होटल या लॉज में क्युकी मेरी कोई प्री प्लानिंग नहीं थी , तब आंटी ने कहा अरे आप हमारे साथ ही चलिए उसी होटेल में रुक जाना , वैसे भी कही न कही तो रुकना ही हे ,मेने कहा ठीक है , और में उनके साथ ही चल दिया।
अब उनका बेटा भी उठ चूका था , लेकिन सफर में हम लोग बहुत थक गए थे , आंटी भी नींद से भरी भरी हुयी थी , और वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी , फिर हम लोग कुछ ही देर में होटल में पहुंचे , वहा जाकर हम ने अपना रूम लिया और आंटी अपने अलग रूम में चली गयी , में अपने रूम में जाकर फ्रेश होकर लेट गया , और साइड वाले रूम में वो आंटी थी , वो भी अपने रूम में जाकर सो गयी होगी , लेकिन कुछ ही देर बाद मेरे दरवाजे को किसी ने ठोका , मुझे लगा वेटर होगा , में शर्ट निकाल कर सोता हु , मेरी आदत है , और मेने निचे लोअर पहन रखा था , और रात के लगभग साढ़े बारह बज चुके थे , मेने दरवाजा खोला तो देखा की वोआंटी मेरे सामने स्लीवलेस शिल्की गाउन पहन कर कड़ी हुयी थी , मेने पूछा जी बताइये आंटी क्या हुआ , तो वो मुझसे कहने लगी वो आपके रूम का टीवी चल रहा है क्या , मेने कहा जी मेने चेक नहीं किया , वैसे भी में सोने जा रहा हु तो टीवी देखूंगा नहीं ,आप क्या अभी टीवी देखेंगी ? तो उन्होंने कहा नहीं पर मेरी रात को गाने सुनते हुए सोने की आदत है , तो जरा चलकर टीवी चालू कर दो ,मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा हे ,मुझे कुछ शक तो हुआ की कुछ गड़बड़ हे पर में देखने उनके रूम में चला गया मुझे लगा आज आंटी की चुदाई होगी।
में जाने के लिए जब शर्ट पहन रहा था तो आंटी ने कहा अरे साइड में तो चलना है , वैसे भी सब लोग सो रहे हे , तब मेने उनकी आँखों में एक सेक्सी कशिश देखा , मुझे लगा ये अब चुदवा कर ही मानेगी , में रूम में गया और बटन चालू किया और टीवी चालू हो गयी। मेने कहा आपकी टीवी तो चल रही है , उन्होंने कहा नहीं अभी बंद थी ,नहीं हो रही थी , मेने कहा ठीक है आप टीवी देखो में चलता हु अपने रूम में , तो वो बोली अरे रुको ये बताओ आप सुबह कब जाओगे ताज देखने , तो मेने कहा आज तो अच्छे से आराम करूँगा , तो हो सकता हे लेट हो जाऊ उठने में , तो उसने कहा ठीक है , हम लोग साथ में ही चलेंगे , मेने कहा ठीक है ,अब में चलता हु गुड नाईट। फिर आंटी बोली आओ यही सो जाओ वैसे भी मेरा बीटा तो अब सुबह ही उठेगा , और वो ऐसा बोलकर अंगड़ाई लेने लगी और उसके चेहरे पर एक अलग सी मुस्कराहट थी , और जब उसने अंगड़ाई लेने के लिए अपने हाथो को ऊपर उठाया तो ,उसके स्लीवलेस गाउन से उसके बगल के काले घने बाल साफ़ दिखाई देने लगे जो की बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।
में अब समझ गया था की वो मुझसे अब सब कुछ करवाएगी फिर में वापस उसके करीब गया , और उसे अपनी बहो में भर लिया और उसके गालो पर एक किस कर लिया , अब उसके शरीर में करंट दौड़ गया था , वह बहुत ही ज्यादा कामुक प्रवत्ति की थी , वो अपने घुटने पर बैठ कर मेरे लोअर को निचे करके मेरा लण्ड बाहर निकाल कर चूसने लगी , फिर मेने उसे सम्हालते हुए झट से दरवाजा बंद किया और अपना लोअर निकाल कर पूरा नंगा हो गया , मेने देखा की उसने गाउन के निचे कुछ नहीं पहना हुआ था , वो पूरी तैयारी में ही बैठी थी। फिर वो मेरे लौड़े को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी , साइड में ही उसका दस साल का लड़का सोया था , पर उसे कोई फर्क नहीं लग रहा था , वो बस चुदाने में मस्त थी , उसकी चूत पर काले घने और बड़े बाल थे , जो की बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे , आंटी की चूत को मेने बहुत चोदा और मेरा सारा वीर्य मेने आंटी के गोरे बूब्स पर गिरा दियाऔर मेने आंटी की चुदाई का आनंद लिया।
और मेने इसी तरह उस मल्लू सेक्सी आंटी को सुबह चार बजे तक चोदा ,और चार बजे अपने रूम पर जाकर सो गया , दूसरे दिन सुबह लगभग ग्यारह बजे हम लोग साथ में ताजमहल देखने गए , उसके बाद साथ में बाहर खाना खाये , और रात को वापस अपने होटल आ गए , और रात को मेने फिर उसी तरह मल्लू आंटी की चुदाई की , इस बार मेने आंटी की गांड भी मारी , आंटी की गोरी गांड बहुत मोटी और मस्त थी , आंटी की गांड में मेने जब अपना मोटा लण्ड डाला तो आंटी चिल्लाने लगी , और उन्होंने बताया की चूँकि में एक हाउस वाइफ हु और मेरे हस्बैंड एक सीधे साधे व्यक्ति है तप उन्होंने मेरी कभी गांड नहीं मारी , इसलिए आंटी गांड मरवाते वक्त बहुत चीख रही थी , पर उनकी गांड मरने में बहुत मजा आया , इसी प्रकार पुरे एक हफ्ते का टूर हमारा साथ में ही गुजरा ,और मेने आंटी की चुदाई की ,और उनका नंबर लेकर वापस दिल्ली आ गया , अब आंटी मुझसे फोन पर बात करती है , और बोलती है जब भी आपको टाइम मिले बताना हम लोग फिर घूमने चलेंगे , और तुम मुझे खूब चोदना। आशा करता हु दोस्तों आपको ये स्टोरी अच्छी लगी होगी। धन्यवाद।
सेक्सी आंटी की रूम में गांड मारी
इसे भी पढ़े - सेक्सी गर्लफ्रेंड की चुदाई
मेरा प्लान था की पहले में डायरेक्ट आगरा जाऊंगा वहा पहले जो भी देखने के लिए जगह है सारी जगह देखूंगा , उसके बाद मथुरा बृन्दावन घूमने जाऊंगा , फिर में दिल्ली में बस पर बैठ गया और बस डायरेक्ट बस थी , जो की सीधे दिल्ली से आगरा जा रही थी , में बस में अपना सीट नंबर लेकर बैठ गया , मेरे बगल वाली सीट में एक आंटी आकर बैठ गयी , जिनके साथ एक आठ साल का बच्चा भी था , वो उन्ही का लड़का था , वो लोग भी घूमने जा रहे थे आगरा , वो मेरे पास आकर पूछने लगी आप कहा जाओगे , कहा रहते हो , क्या करते हो , चूँकि महिलाये नोर्मली ऐसी बाते अक्सर करती है , तो में भी उनसे ऐसे ही बाते करने लगा , आंटी लगभग ३३-३४ साल की होंगी , मेने पूछा की आंटी आपके साथ अंकल नहीं आये क्या , तो उन्होंने कहा नहीं , उन्हें टाइम नहीं मिलता लेकिन बच्चे की छुट्टी थी तो में ही इसे लेकर घूमने चली आई , क्युकी ताजमहल मुझे भी देखना है , मुझे घूमने का बहुत शोक है ,लेकिन मेरे हस्बैंड को जल्दी टाइम नहीं मिलता है , इसलिए में ही अपने बच्चे को लेकर चली आई।
आंटी दिखने में बहुत सेक्सी लग रही थी , उनकी बातो से भी लग रहा था की वो अपने हस्बैंड से ज्यादा चुदवाती नहीं होगी , क्युकी उसका हस्बैंड ऐसे ही हमेशा बिजी रहता होगा , और वो पड़ोसियों से चुदवाती होगी , क्युकी उसका रेहन सहन काफी स्टैंडर्ड लग रहा था , ऐसा लग रहा था ,वो काफी बड़े घराने से हे , और बता भी रही थी की उसका हस्बैंड कोई बिजनेसमैन है , और उसके बातचीत करने का ढंग भी काफी ज्यादा सेक्सी था ,और मेने भी आंटी की चुदाई का प्लान कर लिया था वो प्रोफेशनल चुदरू लग रही थी , लेकिन उनका एक बेटा भी था तो ,मेने तो ध्यान देना बंद कर दिया था और अपने हेडफोन लगाकर बैठ गया , लगभग दो घंटे चलने के बाद बस एक जगह रुकी दस मिनिट के लिए , वहा चाय नास्ता करना था सभी को फिर हम लोग निचे उतर गए मेने कुछ चिप्स के पैकेट और बिस्किट्स ले लिए थे , और वही बाहर चाय पी लिया था मेने और उसके बाद हम लोग जब अंदर आये तो मेने देखा की आंटी अंदर बच्चे के लिए बहुत सारा सामान ले रखी थी , उन्होंने मुझसे भी पूछा आप कुछ लेंगे , मेने कहा नहीं मेने भी काफी कुछ लिया है।
फिर कुछ देर हुए जब बस चली तो सारे लोग जाग रहे थे , शाम होने को थी हलकी हलकी ठण्ड लगने लगी थी , फिर आंटी ने अपनी शाल निकालकर अपने बेटे को उढ़ाकर उसे सुला लिया , फिर आंटी मुझसे पूछने लगी ,आप अकेले आये आपके फ्रेंड्स नहीं आये , मेने बताया नहीं आंटी में अकेले ही आया हु , फिर उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा आपको में आंटी दिखती हु क्या , मेने कहा नहीं वो आपका बीटा हे न तो इसलिए आंटी ही मुँह से निकल जाता है , उसने कहा अरे कोई बात नहीं मुझे बहुत से बच्चे आंटी बोलते है , मेरी तो आदत है , फिर वे मुझसे पूछने लगी आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हे क्या , मेने कहा हे पर यहां नहीं है , उत्तराखंड में रहती है , और में भी वही से हूँ , पर अब में जब से दिल्ली आया हु तबसे उस से मिला नहीं हु , लगभग एक साल हो गए हे , तब आंटी ने कहा अरे फिर तो आपको बहुत याद आती होगी उसकी , मेने कहा जी हां। और इसी तरह हमारी बाते फिर से चालू हो गई।
कुछ देर बाद ठण्ड और ज्यादा बढ़ने लगी उनका बेटा सो चूका था , उसने साल ओढ़ के रखा था , फिर उन्होंने भी अपनी साल निकाल कर ओढ़ ली और मेने भी अपने साथ एक चादर ले गया था उसे ओढ़ लिया , फिर उन्होंने अपने बच्चे को अच्छे से लेटा कर मेरी और खसक कर बैठ गयी , चूँकि बच्चा लेता हुआ था , तो आंटी मेरी तरफ हो गयी थी , और मुझसे एकदम चिपक कर बैठ गयी थी , और ठण्ड वैसे भी लग रही थी , तो मुझे भी अच्छा लग रहा था , अब बस के अंदर के लाइट्स बंद हो गए थे , और आंटी अँधेरे का फायदा उठा कर कुछ हरकते चालू कर दी थी , उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सोने का नाटक करते हुए , अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया था , अब मुझे पता था की वो सो नहीं रही है , और उनकी इतनी ही हरकत मात्र से मेरा लण्ड खड़ा हो गया था , फिर मेने भी सोने का नाटक किया ,और मेने अपनी गर्दन लुढ़का दिया ,और अपने पैरो को रिलैक्स करके फैला लिया , में देखना चाहता था की वो क्या करना चाहती है।
अब बस में अँधेरा फैला हुआ था , ठंडी हवा बह रही थी ,सभी लोग अपने साधन से ओढ़ ढँक कर सो रहे थे , और आंटी मुझसे चिपक कर मेरे कंधे पर सर रख कर बैठे बैठे सोने का नाटक कर रही थी , उनके साइड में उनका बच्चा लेटा हुआ था , फिर लगभग आधे घंटे बाद जब सचमुच मुझे नींद आने लगी थी , तो मुझे कुछ एहसास हुआ की मेरी नींद खुल गयी ,लेकिन में फिर भी सोने का नाटक कर रहा था , फिर आंटी ने मेरी जांघ पर से हाथ को मेरे लण्ड की और करने लगी , और दोस्तों लण्ड एक ऐसी जगह है की वहा कोई हाथ लगाए तो पता लग ही जाता है , पर शायद आंटी को लगा की में सो रहा हु , और वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी , फिर मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया था , अब आंटी को मजा भी आ रहा था , और में मन ही मन सोच रहा था की ,आंटी को उसके हस्बैंड ने कसकर चोदा नहीं शायद इसलिए इतना तड़प रही है ,अब आंटी ने बस में अंधेरे का फायदा और शाल की आड़ लेकर मेरे जीन्स की चैन खोलने लग गई , और उन्होंने बड़ी ही आसानी से मेरे जीन्स की चैन खोलकर मेरे लैंड को बाहर निकाल लिया।
आंटी के सेक्सी अंडरआर्म चाटने का मजा
इसे भी पढ़े - फर्स्ट टाइम सेक्स का मजा
अब दोस्तों मेरी नींद उड़ चुकी थी , और वो भी समझ ही गयी होगी की अब में नींद में नहीं हूँ , फिर वो मेरे लण्ड को ऊपर निचे करने लगी जिस से मेरे लण्ड का पानी निकलने लगा , उस पानी को वो अपने अंगूठे से मेरे लण्ड के टोपे से घिसने लगती , जिस से मुझे और ज्यादा मजा आ रहा था , और मुझे लगा की अब मेरी छूट हो जाएगी ,मतलब मेरा वीर्य निकलने वाला था लेकिन मेने ,अचानक आंटी के हाथ को हटाते हुए उठने का नाटक करने लगा , और आंटी ने झट से अपना हाथ हटा लिया , फिर हम लोग कुछ देर बाद आगरा पहुंचने ही वाले थे , जब सब उठने भी लगे थे , बस अपने स्टेण्ड के पास पहुंचने ही वाली थी की , फिर आंटी ने मुझसे पूछा आप कहा रुकोगे , तो मेने कहा अब जाकर पता करूँगा किसी होटल या लॉज में क्युकी मेरी कोई प्री प्लानिंग नहीं थी , तब आंटी ने कहा अरे आप हमारे साथ ही चलिए उसी होटेल में रुक जाना , वैसे भी कही न कही तो रुकना ही हे ,मेने कहा ठीक है , और में उनके साथ ही चल दिया।
अब उनका बेटा भी उठ चूका था , लेकिन सफर में हम लोग बहुत थक गए थे , आंटी भी नींद से भरी भरी हुयी थी , और वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी , फिर हम लोग कुछ ही देर में होटल में पहुंचे , वहा जाकर हम ने अपना रूम लिया और आंटी अपने अलग रूम में चली गयी , में अपने रूम में जाकर फ्रेश होकर लेट गया , और साइड वाले रूम में वो आंटी थी , वो भी अपने रूम में जाकर सो गयी होगी , लेकिन कुछ ही देर बाद मेरे दरवाजे को किसी ने ठोका , मुझे लगा वेटर होगा , में शर्ट निकाल कर सोता हु , मेरी आदत है , और मेने निचे लोअर पहन रखा था , और रात के लगभग साढ़े बारह बज चुके थे , मेने दरवाजा खोला तो देखा की वोआंटी मेरे सामने स्लीवलेस शिल्की गाउन पहन कर कड़ी हुयी थी , मेने पूछा जी बताइये आंटी क्या हुआ , तो वो मुझसे कहने लगी वो आपके रूम का टीवी चल रहा है क्या , मेने कहा जी मेने चेक नहीं किया , वैसे भी में सोने जा रहा हु तो टीवी देखूंगा नहीं ,आप क्या अभी टीवी देखेंगी ? तो उन्होंने कहा नहीं पर मेरी रात को गाने सुनते हुए सोने की आदत है , तो जरा चलकर टीवी चालू कर दो ,मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा हे ,मुझे कुछ शक तो हुआ की कुछ गड़बड़ हे पर में देखने उनके रूम में चला गया मुझे लगा आज आंटी की चुदाई होगी।
में जाने के लिए जब शर्ट पहन रहा था तो आंटी ने कहा अरे साइड में तो चलना है , वैसे भी सब लोग सो रहे हे , तब मेने उनकी आँखों में एक सेक्सी कशिश देखा , मुझे लगा ये अब चुदवा कर ही मानेगी , में रूम में गया और बटन चालू किया और टीवी चालू हो गयी। मेने कहा आपकी टीवी तो चल रही है , उन्होंने कहा नहीं अभी बंद थी ,नहीं हो रही थी , मेने कहा ठीक है आप टीवी देखो में चलता हु अपने रूम में , तो वो बोली अरे रुको ये बताओ आप सुबह कब जाओगे ताज देखने , तो मेने कहा आज तो अच्छे से आराम करूँगा , तो हो सकता हे लेट हो जाऊ उठने में , तो उसने कहा ठीक है , हम लोग साथ में ही चलेंगे , मेने कहा ठीक है ,अब में चलता हु गुड नाईट। फिर आंटी बोली आओ यही सो जाओ वैसे भी मेरा बीटा तो अब सुबह ही उठेगा , और वो ऐसा बोलकर अंगड़ाई लेने लगी और उसके चेहरे पर एक अलग सी मुस्कराहट थी , और जब उसने अंगड़ाई लेने के लिए अपने हाथो को ऊपर उठाया तो ,उसके स्लीवलेस गाउन से उसके बगल के काले घने बाल साफ़ दिखाई देने लगे जो की बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।
मल्लू आंटी की गांड मारने का मजा
में अब समझ गया था की वो मुझसे अब सब कुछ करवाएगी फिर में वापस उसके करीब गया , और उसे अपनी बहो में भर लिया और उसके गालो पर एक किस कर लिया , अब उसके शरीर में करंट दौड़ गया था , वह बहुत ही ज्यादा कामुक प्रवत्ति की थी , वो अपने घुटने पर बैठ कर मेरे लोअर को निचे करके मेरा लण्ड बाहर निकाल कर चूसने लगी , फिर मेने उसे सम्हालते हुए झट से दरवाजा बंद किया और अपना लोअर निकाल कर पूरा नंगा हो गया , मेने देखा की उसने गाउन के निचे कुछ नहीं पहना हुआ था , वो पूरी तैयारी में ही बैठी थी। फिर वो मेरे लौड़े को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी , साइड में ही उसका दस साल का लड़का सोया था , पर उसे कोई फर्क नहीं लग रहा था , वो बस चुदाने में मस्त थी , उसकी चूत पर काले घने और बड़े बाल थे , जो की बहुत ज्यादा सेक्सी लग रहे थे , आंटी की चूत को मेने बहुत चोदा और मेरा सारा वीर्य मेने आंटी के गोरे बूब्स पर गिरा दियाऔर मेने आंटी की चुदाई का आनंद लिया।
और मेने इसी तरह उस मल्लू सेक्सी आंटी को सुबह चार बजे तक चोदा ,और चार बजे अपने रूम पर जाकर सो गया , दूसरे दिन सुबह लगभग ग्यारह बजे हम लोग साथ में ताजमहल देखने गए , उसके बाद साथ में बाहर खाना खाये , और रात को वापस अपने होटल आ गए , और रात को मेने फिर उसी तरह मल्लू आंटी की चुदाई की , इस बार मेने आंटी की गांड भी मारी , आंटी की गोरी गांड बहुत मोटी और मस्त थी , आंटी की गांड में मेने जब अपना मोटा लण्ड डाला तो आंटी चिल्लाने लगी , और उन्होंने बताया की चूँकि में एक हाउस वाइफ हु और मेरे हस्बैंड एक सीधे साधे व्यक्ति है तप उन्होंने मेरी कभी गांड नहीं मारी , इसलिए आंटी गांड मरवाते वक्त बहुत चीख रही थी , पर उनकी गांड मरने में बहुत मजा आया , इसी प्रकार पुरे एक हफ्ते का टूर हमारा साथ में ही गुजरा ,और मेने आंटी की चुदाई की ,और उनका नंबर लेकर वापस दिल्ली आ गया , अब आंटी मुझसे फोन पर बात करती है , और बोलती है जब भी आपको टाइम मिले बताना हम लोग फिर घूमने चलेंगे , और तुम मुझे खूब चोदना। आशा करता हु दोस्तों आपको ये स्टोरी अच्छी लगी होगी। धन्यवाद।
0 comments:
Post a Comment