भोसड़ा चोदने का मजा: सेक्सी आंटी के बाल वाले भोसड़े को इतना चोदा कि सेक्सी आंटी ने अपने भोसड़े से पानी की बौछार लगा दी जिससे मेरा लण्ड भीग कर तृप्त हो गया। और आंटी का भोसड़ा चोदने का मजा कुछ और ही है।
दोस्तों में जहा रहता हूँ, वहा मेरे रूम के बगल में और भी कई रूम है जहा और भी लोग रहते है। बगल में ही एक छोटा सा परिवार रहता है, जिसमे उनकी एक आठ साल की बेटी और हस्बैंड वाइफ दोनों रहते है। मेरी उन लोगो से अच्छी जान पहचान है।
अक्सर में उनके यहाँ से लेनदेन करता रहता हूँ। आंटी एक हाउस वाइफ है, और अंकल वही जॉब करते है। अक्सर आंटी घर पर रहती है। अंकल हमेशा जॉब में ही बिजी रहते है। आंटी को देखकर लगता है की आंटी की जिस्म की प्यास को अंकल ने अच्छे से चोद कर बुझाई नहीं।
आंटी दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती थी। उनको देखकर ऐसा लगता है की उनकी शादी बहुत कम उम्र में कर दी गयी हो। उनको मेने कई बार नहाते हुए देखा है। वो अक्सर ब्रा पहनकर नहाती है और जब बाथरूम से बाहर निकलती है तो बस एक साडी लपेटकर ही रूम में जाती थी तो आंटी के बड़े बड़े बूब्स साफ दिखाई देते थे।
आंटी अक्सर मुझसे मजाक भी किया करती थी। और हमेशा ही मुझसे बिलकुल फ्रेंक रहती थी। में भी आंटी से मजाक किया करता था। लेकिन आंटी कभी बुरा नहीं मानती थी। मुझे लगता था था की एक बार आंटी के भोसड़े को चोदू। और आंटी का भोसड़ा चोदने का मजा लूँ।
आंटी बहुत ही गदरायी हुयी थी, जब चलती थी थो उनकी उभरी हुयी गांड देखकर ऐसा लगता की आंटी की गांड में अपना मोटा लौड़ा पूरा घुसा दू। और आंटी की गांड को अपने वीर्य से भर दू। में हमेशा ऑफिस से जब भी थका हारा आता तो आंटी के पास आकर अक्सर बैठता और आंटी की गांड का दीदार करने के लिए इन्तजार करता।
आंटी भी समझती थी की में उनकी सेक्सी अदाओ का दीवाना हूँ। इसलिए वो भी जब घर में अकेली होती तो स्लीवलेस गाउन पहनकर मुझे अपनी मदमस्त अदाए दिखती कभी अपने हिलते हुए टाइट बूब्स दिखती तो कभी अपने बड़े गोल मटोल गांड।
आंटी ने कुछ समय पहले मुझसे कहा की आप हमारी बेटी को कुछ देर पढ़ा दिया करो शाम को आप को जब भी टाइम मिले। तो में अक्सर आंटी की बेटी को लगभग रात में आठ या नो बजे पढ़ने जाया करता था। और जब में बच्ची को पढ़ाता रहता तो आंटी मेरे लिए चाय बना कर लाती और जानबूझकर सेक्सी कपडे पहनकर अपना अंग प्रदर्शन करती।
एक दिन तो आंटी बहुत ज्यादा मुड में लग रही थी और उन्होंने एक गाउन पहन रखा था और उसके अंदर कुछ भी नहीं पहना था। और वो चाय लेकर जब मेरे सामने आयी तो उन्होंने झुककर चाय को जैसे ही मेरे सामने चाय को टेबल पर रखा मुझे आंटी के बड़े तरबूज के साइज के बूब्स के निप्पल तक दर्शन हो गए।
आंटी के बड़े बूब्स देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मेरा लण्ड फौलाद की तरह कड़क होकर खड़ा हो गया था। और आंटी का भोसड़ा चोदने के लिए तड़प रहा था। तभी आंटी मेरी तरफ देखकर मुस्कुरायी। तो में समझ गया की आंटी अब मुझसे अपना भोसड़ा चुदवा कर रहेगी।
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अब आंटी भी बिलकुल मौसम पर आ गयी थी। और मेरे सामने अपना जिस्म प्रदर्शन कर रही थी। मेने भी धीरे से मौका देखकर आंटी की बेटी से पूछा बेटा पापा कहा गए हे और कब तक आएंगे। बच्ची कुछ बोलती उस से पहले आंटी ने कहा की आज इसके पापा गांव वाले घर गए है, वो अब तीन दिन बाद वापस आएंगे।
और इतना कहकर आंटी मुस्कुरा कर मेरी और देखने लगी, अब में समझ चूका था की आंटी फुल चुदने के मूड में है। फिर में वापस बच्ची को पढ़ाने लगा। आंटी मेरे सामने वाले सोफे पर पीठ की तरफ बैठी थी। बच्ची अपना कॉपी में लिख रही थी, की आंटी मुझे घूर कर देख रही थी।
आंटी का इस तरह मुझे देखना मुझे फुल सिग्नल लग रहा था तो मेने आंटी को आँख मर दिया। फिर क्या था आंटी और ज्यादा मुस्कुराते हुए एक सेक्सी अंगड़ाई लेने लगी। और अंगड़ाई लेते समय जब आंटी ने अपने दोनों हाथो को ऊपर उठाया तो उनके अंडरआर्म साफ दिखाई देने लगे। जिसमे काले घने बाल थे, जो बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।
कुछ देर तक इसी तरह हमारी मजाक मस्ती चल रही थी की इसी बीच आंटी ने कुछ ऐसा किया की में दंग रह गया। आंटी ने अपने दोनों पैरो को उठाकर सोफे के ऊपर रख लिया। और उनका गाउन घुटने तक चला गया। और उन्होंने पैरो को चौड़ा कर लिया, जिससे आंटी का भोसड़ा मुझे दिखाई देने लगा क्युकी आंटी ने अंदर कुछ भी नहीं पहना था।
आंटी का भोसड़ा देखकर मेरा दिमाग खराब होने लगा था, में बस अब भोसड़ा छोड़ने का मजा लेना चाहता था। फिर में बाथरूम जाने के बहाने उठा और बाथरूम की और जाने लगा। आंटी भी मेरे पीछे पीछे आयी और बाथरूम के गेट के बहार ही मेरे लौड़े को पेण्ट के ऊपर से ही पकड़ लिया। और बोली क्या बात है आज तो बहुत जोश में लग रहा है तुम्हारा बाबू। मेने कहा जिसने अभी अभी इतना हसीं सीन देखा हो उसका लौड़ा तो ऐसे ही खड़ा होगा ही।
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आंटी ने मुझे कहा आज तुम रात में यही सोना कही जाने की जरुरत नहीं है। तब मेने कहा आपकी बच्ची भी तो है। उसका क्या करें? आंटी बोली उसकी फ़िक्र तुम क्यों कर रहे हो? वो तो अभी सो जायेगी। आज रात को प्लीज मेरे जिस्म की प्यास बुझा दो। तुम्हारे अंकल ने मुझे एकदम कुंवारी ही सम्हाल के रखा है।
आज तुम मुझे जी भर के चोदो और मेरी इच्छा की पूर्ती कर दो। और तुम्हारा जो कुछ भी करने का मन करे सब कुछ कर लेना। इतना कहकर आंटी वापस सोफे पर जाकर बैठ गयी।
में बाथरूम में गया तो मेने देखा की मेरे लण्ड के पानी से मेरी अंडरवियर भीग गयी है। क्युकी आंटी की बाते थी ही इतनी सेक्सी। फिर मेने बाथरूम में पहले तो मुठ मारा।
मैनें देखा की वहा बाथरूम में आंटी की ब्रा जो की गुलाबी रंग की थी वही डाली हुयी थी। मेने उसी ब्रा के ऊपर आंटी को इमेजिन करके मुठ मार दिया। और अपने खड़े लण्ड को शांत किया। क्युकी मुझे पता था की आज तो आंटी का भोसड़ा चोदने का मजा लेना है।
मेने फिर अच्छी तरह से अपने लौड़े को वाश किया ताकि मेरे लण्ड से किसी प्रकार की कोई बदबू ना आये। फिर मेने अपनी पेण्ट की जीप लगाकर वापस कमरे में गया तो मेने देखा की आंटी ने बच्ची को लेटा दिया था और उसे सुलाने की तैयारी में लग गयी थी।
कुछ ही देर में बच्ची सो गयी और फिर आंटी मुझे लेकर उनके बैडरूम में गयी और देर न करते हुए उन्होंने मुझे अपनी पेंट उतारने को को कहा। मेने झट से अपनी पेंट और शर्ट सब कुछ निकाल दिया। अब में आंटी के सामने एकदम नंगा हो चुका था।
आंटी मेरे कड़क और लम्बे लौड़े को देखकर इतनी ज्यादा रोमांचित हो उठी की उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर लिया और पागलो की तरह चूसने लगी चूँकि मेरा लण्ड एकदम साफ सुथरा था तो उसने गोटियों को मुँह में भरकर खूब चूसा।
फिर आंटी ने भी अपने सारे कपडे निकाल दिए, अब हम दोनों उस बंद कमरे में पुरे नंगे बदन थे, मेरा लौड़ा एकदम खड़ा और टनटनाया हुआ था। और उसे अपने मुँह में भर कर अच्छे से उसका पान कर चुकी थी। फिर आंटी बिस्तर पर लेट गयी।
मेने अब आंटी की चूचियों को मसलना शुरू किया, मेरे स्पर्श मात्र से आंटी की शिशकीया निकलने लगी थी। आंटी बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेने पहले तो दोनों हाथो से आंटी के दोनों मुम्मो को खूब दबाया। खूब नोचा फिर अपने होठो से आंटी के निप्पल को पीना शुरू किया।
मेरे ऐसा करने से आंटी ने अपने हाथो से मेरे बालो को कसकर पकड़ लिया और मुझे नोचने लगी। अब आंटी बर्दास्त के बाहर हो चुकी थी, उनके भोसड़े से बहुत ज्यादा मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा था।
फिर मेने आंटी को और ज्यादा परेशान न करते हुए उनके भोसड़े में अपने लण्ड को घुसा ही दिया। फिर क्या था पूरा कमरा उह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म मर गयी की आवाज से गूंजने लगा। आंटी मेरी चुदाई का मजा ले रही थी। फिर मेने आंटी भोसड़े को बिना रुके खूब चोदा।
कुछ ही देर में मेरा वीर्य निकल गया जो की मेने आंटी के बूब्स पर गिराया। और आंटी अपना पानी मुझसे पहले ही छोड़ चुकी थी। फिर मेने अपना लौड़ा आंटी के मुँह में देकर चूसने को कहा। आंटी ने जैसे ही मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसा मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
फिर मेंने अपना लण्ड आंटी की गांड में डालने का प्रयास किया तो आंटी खुद डॉगी स्टाइल में हो गयी, फिर मेने अपने लौड़े को आंटी की गांड में भर दिया, और आंटी की खूब गांड मारी। इस तरह मेने आंटी की गांड भी मारी और भोसड़ा चोदने का मजा भी लिया।
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भोसड़ा चोदने का मजा |
भोसड़ा चोदने का मजा
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अनिल ( बदला हुआ नाम ) है। में एक प्राइवेट ऑफिस में जॉब करता हूँ।में पंजाब के लुधियाना शहर में रहता हूँ। और यही पिछले कुछ सालो से काम करता हूँ। में बचपन से ही कामुक प्रवत्ति का व्यक्ति हूँ। और अन्तर्वासना मेरी रग रग में भरी हुयी है। मुझे बचपन से ही सेक्स में बहुत ज्यादा इंट्रेस्ट है। इसका एक कारण हमारे यहां का माहौल है। मुझे बचपन से ही सेक्सी स्टोरी की कॉमिक्स पढ़ना बहुत पसंद था।
में कई बार घर में सेक्सी किताबे पढ़ते हुए पकड़ा भी गया हु। और इसके चलते कई बार मुझे मार भी पड़ी है। एक बार तो मेरे पिताजी ने मुझे घर में नंगा करके मारा और वैसे ही कमरे में बांध कर चले गए। ऐसे टाइम पर अक्सर मुझे मेरी सबसे छोटी चाची चुपके से खाना देने आ जाती थी , एक दिन ऐसे ही जब मुझे मेरे पापा जी ने कमरे में नंगा करके बांध कर चले गए तो कमरे में मेरी चाची आयी मुझे खाना खिलाने तो उस समय मेरी लौड़ी ( नुन्नी ) चाची को देखकर खड़ी हो गयी थी। जिसे देखकर चाची भी मेरा मजाक उड़ाने लगी।
दोस्तों में जहा रहता हूँ, वहा मेरे रूम के बगल में और भी कई रूम है जहा और भी लोग रहते है। बगल में ही एक छोटा सा परिवार रहता है, जिसमे उनकी एक आठ साल की बेटी और हस्बैंड वाइफ दोनों रहते है। मेरी उन लोगो से अच्छी जान पहचान है।
अक्सर में उनके यहाँ से लेनदेन करता रहता हूँ। आंटी एक हाउस वाइफ है, और अंकल वही जॉब करते है। अक्सर आंटी घर पर रहती है। अंकल हमेशा जॉब में ही बिजी रहते है। आंटी को देखकर लगता है की आंटी की जिस्म की प्यास को अंकल ने अच्छे से चोद कर बुझाई नहीं।
आंटी दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती थी। उनको देखकर ऐसा लगता है की उनकी शादी बहुत कम उम्र में कर दी गयी हो। उनको मेने कई बार नहाते हुए देखा है। वो अक्सर ब्रा पहनकर नहाती है और जब बाथरूम से बाहर निकलती है तो बस एक साडी लपेटकर ही रूम में जाती थी तो आंटी के बड़े बड़े बूब्स साफ दिखाई देते थे।
आंटी अक्सर मुझसे मजाक भी किया करती थी। और हमेशा ही मुझसे बिलकुल फ्रेंक रहती थी। में भी आंटी से मजाक किया करता था। लेकिन आंटी कभी बुरा नहीं मानती थी। मुझे लगता था था की एक बार आंटी के भोसड़े को चोदू। और आंटी का भोसड़ा चोदने का मजा लूँ।
आंटी बहुत ही गदरायी हुयी थी, जब चलती थी थो उनकी उभरी हुयी गांड देखकर ऐसा लगता की आंटी की गांड में अपना मोटा लौड़ा पूरा घुसा दू। और आंटी की गांड को अपने वीर्य से भर दू। में हमेशा ऑफिस से जब भी थका हारा आता तो आंटी के पास आकर अक्सर बैठता और आंटी की गांड का दीदार करने के लिए इन्तजार करता।
आंटी भी समझती थी की में उनकी सेक्सी अदाओ का दीवाना हूँ। इसलिए वो भी जब घर में अकेली होती तो स्लीवलेस गाउन पहनकर मुझे अपनी मदमस्त अदाए दिखती कभी अपने हिलते हुए टाइट बूब्स दिखती तो कभी अपने बड़े गोल मटोल गांड।
आंटी ने कुछ समय पहले मुझसे कहा की आप हमारी बेटी को कुछ देर पढ़ा दिया करो शाम को आप को जब भी टाइम मिले। तो में अक्सर आंटी की बेटी को लगभग रात में आठ या नो बजे पढ़ने जाया करता था। और जब में बच्ची को पढ़ाता रहता तो आंटी मेरे लिए चाय बना कर लाती और जानबूझकर सेक्सी कपडे पहनकर अपना अंग प्रदर्शन करती।
एक दिन तो आंटी बहुत ज्यादा मुड में लग रही थी और उन्होंने एक गाउन पहन रखा था और उसके अंदर कुछ भी नहीं पहना था। और वो चाय लेकर जब मेरे सामने आयी तो उन्होंने झुककर चाय को जैसे ही मेरे सामने चाय को टेबल पर रखा मुझे आंटी के बड़े तरबूज के साइज के बूब्स के निप्पल तक दर्शन हो गए।
आंटी के बड़े बूब्स देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मेरा लण्ड फौलाद की तरह कड़क होकर खड़ा हो गया था। और आंटी का भोसड़ा चोदने के लिए तड़प रहा था। तभी आंटी मेरी तरफ देखकर मुस्कुरायी। तो में समझ गया की आंटी अब मुझसे अपना भोसड़ा चुदवा कर रहेगी।
भोसड़ा चोदने का मजा |
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अब आंटी भी बिलकुल मौसम पर आ गयी थी। और मेरे सामने अपना जिस्म प्रदर्शन कर रही थी। मेने भी धीरे से मौका देखकर आंटी की बेटी से पूछा बेटा पापा कहा गए हे और कब तक आएंगे। बच्ची कुछ बोलती उस से पहले आंटी ने कहा की आज इसके पापा गांव वाले घर गए है, वो अब तीन दिन बाद वापस आएंगे।
और इतना कहकर आंटी मुस्कुरा कर मेरी और देखने लगी, अब में समझ चूका था की आंटी फुल चुदने के मूड में है। फिर में वापस बच्ची को पढ़ाने लगा। आंटी मेरे सामने वाले सोफे पर पीठ की तरफ बैठी थी। बच्ची अपना कॉपी में लिख रही थी, की आंटी मुझे घूर कर देख रही थी।
आंटी का इस तरह मुझे देखना मुझे फुल सिग्नल लग रहा था तो मेने आंटी को आँख मर दिया। फिर क्या था आंटी और ज्यादा मुस्कुराते हुए एक सेक्सी अंगड़ाई लेने लगी। और अंगड़ाई लेते समय जब आंटी ने अपने दोनों हाथो को ऊपर उठाया तो उनके अंडरआर्म साफ दिखाई देने लगे। जिसमे काले घने बाल थे, जो बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहे थे।
कुछ देर तक इसी तरह हमारी मजाक मस्ती चल रही थी की इसी बीच आंटी ने कुछ ऐसा किया की में दंग रह गया। आंटी ने अपने दोनों पैरो को उठाकर सोफे के ऊपर रख लिया। और उनका गाउन घुटने तक चला गया। और उन्होंने पैरो को चौड़ा कर लिया, जिससे आंटी का भोसड़ा मुझे दिखाई देने लगा क्युकी आंटी ने अंदर कुछ भी नहीं पहना था।
आंटी का भोसड़ा देखकर मेरा दिमाग खराब होने लगा था, में बस अब भोसड़ा छोड़ने का मजा लेना चाहता था। फिर में बाथरूम जाने के बहाने उठा और बाथरूम की और जाने लगा। आंटी भी मेरे पीछे पीछे आयी और बाथरूम के गेट के बहार ही मेरे लौड़े को पेण्ट के ऊपर से ही पकड़ लिया। और बोली क्या बात है आज तो बहुत जोश में लग रहा है तुम्हारा बाबू। मेने कहा जिसने अभी अभी इतना हसीं सीन देखा हो उसका लौड़ा तो ऐसे ही खड़ा होगा ही।
भोसड़ा चोदने का मजा |
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आंटी ने मुझे कहा आज तुम रात में यही सोना कही जाने की जरुरत नहीं है। तब मेने कहा आपकी बच्ची भी तो है। उसका क्या करें? आंटी बोली उसकी फ़िक्र तुम क्यों कर रहे हो? वो तो अभी सो जायेगी। आज रात को प्लीज मेरे जिस्म की प्यास बुझा दो। तुम्हारे अंकल ने मुझे एकदम कुंवारी ही सम्हाल के रखा है।
आज तुम मुझे जी भर के चोदो और मेरी इच्छा की पूर्ती कर दो। और तुम्हारा जो कुछ भी करने का मन करे सब कुछ कर लेना। इतना कहकर आंटी वापस सोफे पर जाकर बैठ गयी।
में बाथरूम में गया तो मेने देखा की मेरे लण्ड के पानी से मेरी अंडरवियर भीग गयी है। क्युकी आंटी की बाते थी ही इतनी सेक्सी। फिर मेने बाथरूम में पहले तो मुठ मारा।
मैनें देखा की वहा बाथरूम में आंटी की ब्रा जो की गुलाबी रंग की थी वही डाली हुयी थी। मेने उसी ब्रा के ऊपर आंटी को इमेजिन करके मुठ मार दिया। और अपने खड़े लण्ड को शांत किया। क्युकी मुझे पता था की आज तो आंटी का भोसड़ा चोदने का मजा लेना है।
मेने फिर अच्छी तरह से अपने लौड़े को वाश किया ताकि मेरे लण्ड से किसी प्रकार की कोई बदबू ना आये। फिर मेने अपनी पेण्ट की जीप लगाकर वापस कमरे में गया तो मेने देखा की आंटी ने बच्ची को लेटा दिया था और उसे सुलाने की तैयारी में लग गयी थी।
कुछ ही देर में बच्ची सो गयी और फिर आंटी मुझे लेकर उनके बैडरूम में गयी और देर न करते हुए उन्होंने मुझे अपनी पेंट उतारने को को कहा। मेने झट से अपनी पेंट और शर्ट सब कुछ निकाल दिया। अब में आंटी के सामने एकदम नंगा हो चुका था।
आंटी मेरे कड़क और लम्बे लौड़े को देखकर इतनी ज्यादा रोमांचित हो उठी की उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर लिया और पागलो की तरह चूसने लगी चूँकि मेरा लण्ड एकदम साफ सुथरा था तो उसने गोटियों को मुँह में भरकर खूब चूसा।
फिर आंटी ने भी अपने सारे कपडे निकाल दिए, अब हम दोनों उस बंद कमरे में पुरे नंगे बदन थे, मेरा लौड़ा एकदम खड़ा और टनटनाया हुआ था। और उसे अपने मुँह में भर कर अच्छे से उसका पान कर चुकी थी। फिर आंटी बिस्तर पर लेट गयी।
मेने अब आंटी की चूचियों को मसलना शुरू किया, मेरे स्पर्श मात्र से आंटी की शिशकीया निकलने लगी थी। आंटी बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेने पहले तो दोनों हाथो से आंटी के दोनों मुम्मो को खूब दबाया। खूब नोचा फिर अपने होठो से आंटी के निप्पल को पीना शुरू किया।
मेरे ऐसा करने से आंटी ने अपने हाथो से मेरे बालो को कसकर पकड़ लिया और मुझे नोचने लगी। अब आंटी बर्दास्त के बाहर हो चुकी थी, उनके भोसड़े से बहुत ज्यादा मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा था।
फिर मेने आंटी को और ज्यादा परेशान न करते हुए उनके भोसड़े में अपने लण्ड को घुसा ही दिया। फिर क्या था पूरा कमरा उह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म मर गयी की आवाज से गूंजने लगा। आंटी मेरी चुदाई का मजा ले रही थी। फिर मेने आंटी भोसड़े को बिना रुके खूब चोदा।
कुछ ही देर में मेरा वीर्य निकल गया जो की मेने आंटी के बूब्स पर गिराया। और आंटी अपना पानी मुझसे पहले ही छोड़ चुकी थी। फिर मेने अपना लौड़ा आंटी के मुँह में देकर चूसने को कहा। आंटी ने जैसे ही मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसा मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
फिर मेंने अपना लण्ड आंटी की गांड में डालने का प्रयास किया तो आंटी खुद डॉगी स्टाइल में हो गयी, फिर मेने अपने लौड़े को आंटी की गांड में भर दिया, और आंटी की खूब गांड मारी। इस तरह मेने आंटी की गांड भी मारी और भोसड़ा चोदने का मजा भी लिया।
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