भाई ने बेरहमी से चोदा

भाई ने बेरहमी से चोदा: हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम स्वीटी है, में एक स्टूडेंट हु। में देहरादून में अपने पापा मम्मी के साथ रहती हूँ। मेने पहली बार कैसे अपनी सील अपने भाई के द्वारा बेरहमी से चुदवा कर तुड़वाई, उसकी सच्चाई में आज आप लोगो के सामने बताने जा रही हूँ। उम्मीद है आप लोग इसे एन्जॉय करेंगे।



भाई ने बेरहमी से चोदा




भाई ने बेरहमी से चोदा: 

दरअसल बात पिछले कुछ महीनो की है, जब मेरे 12th के एग्जाम ओवर हुए ही थे। और मेने छुट्टियों में इंग्लिश क्लास ज्वाइन की थी। हमारे घर पर में और पापा मम्मी रहते है, दादा दादी और चाचा जी दिल्ली में रहते है। चूँकि पापा की जॉब यही है तो वो हम लोगो को यही उनके साथ रहना पड़ता है।


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हमें यहां रहते लगभग 10 वर्ष बीत चुके है। और हम लोग मेरी पढाई और पापा की जॉब के कारण फॅमिली वालो से जल्दी मिल भी नहीं पाते है। पांच साल पहले हम लोग घर गए थे तो उस टाइम हम लोग करीब एक महीने तक साथ में रहे थे। लेकिन तब से मेने चाचा चाची और दादा दादी को भी नहीं देखा है।


चाचाजी का एक लड़का भी है राहुल। जो की मुझसे काफी बड़ा है। ऐसा इसलिए की मेरे पापा की कोई संतान नहीं थी, बहुत मन्नतो और डाक्टरी इलाज के बाद में काफी समय बाद हुयी, और इसके बाद मेरे कोई भाई बहन भी नहीं है। राहुल भैया से मिले मुझे पांच साल हो चुके थे। जब में काफी छोटी थी जब मेने उन्हें देखा था। वो काफी बदल चुके होंगे ऐसा में मानती थी।


जब हम छुट्टियों में दिल्ली घर गए थे तो में काफी छोटी थी तो मुझे ज्यादा याद तो नहीं है, लेकिन इतना मालूम है की राहुल भैया बहुत ही गंदे टाइप के थे। वो मुझसे बहुत गन्दी गन्दी मजाक करते थे। जो मुझे उस टाइम तो पसंद नहीं थी। लेकिन मुझे उन्होंने कई बार मेरे बचपन में मेरे लिप्स पर किस किया था। जो की मुझे पता है भाई बहन वाला तो बिलकुल भी नहीं था।


एक दिन में घर पर अकेले कमरे में टीवी देख रही थी, राहुल भैया कही से आये और उन्होंने मेरे निप्पल्स को दबा दिया था। उस समय मेरे निप्पल्स उग ही रहे थे और उस टाइम कोई छू भी लेता था तो बहुत दर्द होने लगता था। और ऐसे में राहुल भैया ने मेरी चुची को मसल दिया था। मुझे दर्द तो बहुत हुआ लेकिन मेने किसी को बताया नहीं। और मेने कहा प्लीज भैया ऐसा मत किया करो। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तब उन्होंने कहा टेंशन मत ले में शाम को तेरे लिए दर्द की दवा ले आऊंगा।


हम दोनों चूँकि भाई बहन ही थे तो अक्सर भैया मेरे  जाया करते थे तो किसी कोई आपत्ति नहीं होती थी। भैया जब शाम को घर पर आये तो उन्होंने मुझे कमरे में बुलाकर एक टेबलेट दी और कहा इसे खाना खाने के बाद खा लेना और हां किसी को बताना मत, नहीं तो मुझे डाट पड़ेगी। और मेने तेरे लिए एक दवा लगाने वाली भी लाया हु जहा दर्द हो रहा हे वहा में खुद रात को लगा दूंगा।


मुझे तो ये सब सुनकर की बहुत डर लग रहा था, पर मेने सोचा चलो दर्द तो कम हो ही जायेगा। इसलिए मेने खाना खाने के बाद दवा खा ली। और सोने के लिए कमरे में चली गयी और दवा खाने के बाद मुझे बहुत अजीब सा फील हो रहा था। मुझे बहुत गर्मी लग रही थी, मेरा शरीर पसीने से भीग गया था। मेरे फुल टी शर्ट में मेरे भीगे हुए अंडरआर्म साफ़ गीले दिखाई दे रहे थे। मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था।


मुझे उस समय तो पता नहीं चला क्या हो रहा था, लेकिन अब में समझदार हो गयी हूँ तो मुझे ऐसा लगता है की राहुल भैया ने उस रात मुझे सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा खिला दिए थे। चूँकि उस टाइम में छोटी थी तो मुझे उसका एहसास नहीं हो रहा था।  लेकिन दवा खाने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था की अब मुझे सारे कपडे निकाल कर सो जाना चाहिए। क्युकी मुझे गर्मी भी लग रही थी। और मेरे अंदर की शर्म भी मर गयी थी।


कुछ ही देर में भैया मेरे कमरे में आये और बोले स्वीटी अब दर्द कैसा है, मेने कहा उस टाइम से कम हे लेकिन अभी भी है। भैया ने झट से आलमारी से दवा निकाल कर बोले तू आकर लेट जा में तुझे लगा देता हु, मुझे उस समय पता तो था की भैया मेरे साथ कुछ गलत कर रहे है, पर में भैया से बहुत डरती थी, इसलिए कुछ नहीं बोलती थी। और वो मेरे साथ उलटी सीधी हरकते करते रहते थे। और मेरी नादानी का फायदा उठाते थे। और मेरे गोरे बदन पर अपना हाथ फेर कर अपना मनोरंजन करते थे। वो मुझे किसी भी लड़के से कभी बात नहीं करने देते थे। हो सकता है इसके पीछे उनका अपना स्वार्थ  छिपा हो।


भैया ने मुझे लेटा कर कहा अरे तुझे तो बहुत पसीना निकल  रहा है, तू एक काम कर अपनी टी शर्ट निकाल दे।और में तुझे दवा लगा देता हूँ। और में उनके सामने टी शर्ट निकाल कर लेट गई। मेने अंदर समीज पहन रखा था, जो की बहुत ही ढीला था और पसीने में भीगा हुआ था। भैया ने मेरे हाथो को ऊपर उठाया तो देखा की मेरे अंडरआर्म में कोई भी हेयर नहीं थे उन्होंने मेंरे अंडरआर्म पर अपनी उंगलियों को फेरते हुए कहा वाह यार ये बहुत ही चिकने है।


इतना कहकर उन्होंने मेरी समीज को ऊपर कर दिया। और मेरे चीकू के साइज के बूब्स या यु कहे की चूचियों पर उस दवा को लगाने लगे। और कहने लगे की ये इस दवा से जल्द ही बड़े हो जायेंगे और फिर दर्द भी ख़त्म हो जायेगा। मेने कहा नहीं मुझे बड़े नहीं करना हे, नहीं तो और ज्यादा दर्द होगा। और भैया अपने कठोर हाथो से मेरे मुम्मे को सहला रहे थे। फिर उन्होंने अपने हाथो की हथेलियों में मेरे नीबू के आकर वाले बूब्स को भरकर कसकर दबाने लगे। जिसके कारण मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी और में जोर से चिल्ला भी नहीं सकती थी और भैया ने कहा चिल्लाना नहीं। नहीं तो सब उठ जायेंगे और हम को देख लेंगे।


रात में करीब एक घंटे तक उन्होंने मेरे बूब्स को खूब दबाया और खूब एन्जॉय किया। थोड़ी ही देर बाद मुझे भी मजा आने लगा था। और जब वो जोर जोर से मेरे बूब्स को दबाते तो में चिल्लाने लगती और वो मेरे मुँह को अपने होठो से बंद कर देते और मेरे कोमल और नाजुक होठो को खूब जी भरकर चूसते। जब वो ऐसा  कर रहे थे तो पहली बार था जब मेरी चूत से पानी निकल रहा था। और मेने देखा की भैया ने भी अपना लण्ड खड़ा कर लिया था। इसी से में समझी थी की वो मुझसे भाई बहन वाला प्यार नहीं बल्कि हवस का प्यार करते है।


भैया ने रात में उस दिन मुझे दवा लगाकर सोने को कहा और मेरी समीज भी निकाल देने को कहा उनका कहना था की दवा को सूखने तक तुम कुछ न पहनो। जब में भैया के सामने टॉप लेस्स होकर लेती हुयी थी तो वो मेरे बूब्स और पेट और अंडरआर्म पर हाथ फेर रहे थे। उन्हें लगा की में सो गयी पर ऐसी सिचुएशन में नींद कहा आती है। मेने देखा की भैया मेरे पूरे बदन को चाट रहे थे। और मेरी धड़कने बहुत तेज हो गयी थी। अगर उस रात भैया मेरी छोटी सी चूत में अपना मोटा लण्ड भी घुसा देते तो मै मना नहीं कर सकती थी। क्युकी मुझे तो टेबलेट का नशा चढ़ा हुआ था। 


अब भैया को भी हवस का नशा चढ़ गया था और मुझे पागलो की तरह चाट और चूस रहे थे। फिर उन्होंने अपने कपडे निकाल दिए और वो पूरी तरह से नंगे हो गए। उन्होंने ये भी नहीं सोचा की में उठ जाउंगी तो क्या सोचूंगी। फॉर उन्होंने अपना मोटा लण्ड जो की पूरी तरह से खड़ा हुआ था। उसे मेरे मुँह के पास लाकर मेरे होठो से लगाने लगे, उसमे एक अजीब सी बदबू आ  रही थी। पर में अपना मुँह हटा नहीं सकती थी। क्युकी में तो सोने का नाटक कर रही थी। और उन्होंने फिर अपने लण्ड की ऊपर की चमड़ी को पूरी तरह से पीछे की और खिंचा। जिससे उनके लण्ड का सूपड़ा या टोपा जो की गुलाबी रंग का था वो लॉलीपॉप की तरह बाहर आ गया और वो मेरे होठो से छू रहा था। 


फिर उन्होंने अपने हाथो से अपने लण्ड की चमड़ी को जोर जोर से ऊपर निचे करना शुरू किया। मुझे बाद में पता चला की वो लड़को के मास्टरबेशन करने का तरीका है। और भैया मेरे फेस के पास अपना लण्ड लगाकर मुठ मारने लगे। उनके लण्ड से एक चिपचिपा पदार्थ निकल रहा था। और भैया की साँसे बहुत तेज हो चुकी थी। एक हाथ से वो मेरे बूब्स को मसल रहे थे। और अपने दूसरे हाथ से अपनी ही मुठ मार रहे थे। कुछ ही देर में उनकी स्पीड और बढ़ चुकी थी। उन्होंने फिर एक हाथ से मेरे दोनों गालो को दबाते हुए, मेरे होठो को खोला और लण्ड का टोपा वही लगा दिया।  और उन्होंने मेरे मुँह में अपने लौड़े को जबरजस्ती घुसाना चाहा। इसके लिए उन्होंने अब चिंता छोड़ दी की में उठती हु या नहीं, उन्होंने मेरे बालो को पकड़कर मुझे उठाया और अपने लौड़े को मेरे मुँह में घुसा दिया। और अचानक उनके लण्ड से बहुत सारा पानी जैसा निकलने लगा। मुझे लगा की उन्होंने मेरे मुँह में मूत दिया। पर में गलत थी ये उनका वीर्य था। जो की उन्होंने पूरा मेरे मुँह में डाल दिया था। पर मेरे उसे मुँह में लेते ही मुझे खांसी आने लगी जिससे वीर्य तो बाहर निकल गया। पर उसका स्वाद मेरे मुँह में  ही रह गया था। 


में उठ कर बैठ गई तो भैया ने मुझे कहा कुछ नहीं हुआ अब सजा और फिर उन्होंने मेरे सामने ही अपने लौड़े को सहलाते हुए कहा। मुझे भी इसमें दर्द था तो में भी इसमें दवा लगा रहा था। चल अब तू सजा और भैया ने मेरे सामने अपना लोअर पहना और बिना शर्ट के ही सो गए और मुझे कहा की तू अब अपना समीज और टी शर्ट पहन कर सोना।  मेनेअपना समीज और टी शर्ट पहन कर सो गयी। 


दोस्तों ये तो मेरी बचपन की एक बात थी जो बीत चुकी थी, और इस बार जो होने वाला था ये पांच साल बाद मतलब की अब से कुछ महीने पहले की घटना है। भैया की एग्जाम ख़त्म हुए तो वो घूमने के लिए हमारे घर आये हुए थे। पापा से मिलते ही बोले स्वीटी कहा है, उसे मेने कितने दिनों से नहीं देखा। और उस समय में अपने कमरे में इंग्लिश की तैयारी कर रही थी। तभी भैया अंदर आये और पीछे से आकर  मुझे कसकर पकड़ लिया। में तो बिलकुल डर गयी की किसने इस तरह से मुझे पकड़ लिया। और उनकी पकड़ सीधे मेरे बूब्स पर थी। 


कुछ ही देर में वो मेरे सामने आयी तो मेने कहा अरे भैया कब आये आप ? आप तो बहुत बदल गए हो पहचान भी नहीं आ रहे हो। तो भैया ने भी कहा। 

भैया - पहचान में तो तू भी नहीं आ रही हे कितनी बड़ी हो गयी हे न। 
मै - अरे भैया अब समय के साथ बदलाव तो आते ही है न। 
भैया - ( मेरे बूब्स को देखते हुए ) काफी बड़ी हो गयी हे। 
मै - (शरमाते हुए ) हां भैया। 
भैया - अभी कोई बॉयफ्रेंड बनाया या नहीं?
मै - नहीं भैया इन सबके लिए टाइम ही नहीं मिला। 
भैया - हां कोई जरुरत भी नहीं है। 
मै - है भैया।


अभी हम दोनों में किसी प्रकार की कोई गन्दी बात नहीं हुयी थी, पर भैया आज भी वैसे ही थे छिछोरे टाइप के। पर अब मुझे उन्हें देख कर अच्छा  लग रहा था। क्युकी मुझे घर में कभी कुछ करने का मौका भी नहीं मिलता था। और भैया आये तो मुझे लगा की मेरा भी मन बहल जाएगा। क्युकी मेरी आदत बचपन में ही भैया ने ख़राब कर दी थी। और में तब से बहुत ज्यादा कामुक हो गयी हूँ।  और में अकेले में ही अपने बूब्स को नहाते टाइम दबाया करती थी और मेने अपने मुम्मे बड़े बड़े कर लिया। और अब मेरी इच्छा होती है की कोई मेरे बूब्स की अच्छे से मालिश करे। और मेरे बूब्स को होठो से लगाकर पिए।


में भैया के लिए चाय बनाने किचन में चली गयी और पापा मम्मी टीवी देख रहे थे भैया किचन में आ गए और मुझे आकर अपनी बाँहो में भर लिया और जोर से मेरे होठो पर किस करने लगे मेने भी उनको कसकर पकड़ लिया और उनके होठो को चूसने लगी। फिर भैया बोले वाह यार मजा आ गया।फिर कुछ देर भैया रुक कर बोले आज में तुम्हारे साथ ही सो जाऊँ? मेने कहा नहीं पापा मम्मी कुछ गलत समझ लेंगे। वैसे भी अब में बच्ची नहीं रही हूँ। और में हमेशा ही अलग ही सोती हु मेरे कमरे में। इसलिए अब ऐसा तो नहीं हो सकेगा। 


फिर भैया ने चाय पिए और पापा मम्मी से बाते करने लग गए। पापा ने कहा स्वीटी की छुट्टियों में हमने उसको इंग्लिश क्लास ज्वाइन करवा दिया है। अब वह इंग्लिश सिख रही है। क्युकी वो इंग्लिश में बहुत कमजोर है। में उन लोगो की बाते सुन रही थी। जैसे ही पापा ने कहा की वो इंग्लिश में कमजोर है। भैया ने तुरंत कहा अरे स्वीटी को में पढ़ा दूंगा इंग्लिश आप टेंशन न लें। पापा ने कहा अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात हे। तुम उसे इंग्लिश पढ़ा देना आज से वो उसके रूम में ही  पढ़ती है तुम वहीं उसे पढ़ा देना। 


फिर कुछ देर बाद सब लोगो ने खाना खाये और भैया मेरे कमरे में आ गए मुझे पढ़ाने के लिए और चूँकि हॉल में टीवी चल रही थी तो पापा ने कहा बेटा अंदर से दरवाजा बंद कर लेना नहीं तो आप लोगो को पढाई करने में डिस्टर्ब होगा। फिर भैया अंदर आये और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। और फिर वो मेरे पास आकर बैठ गए मेने लेगी और टॉप पहना हुआ था। भैया आकर मेरे पास बैठ गए और मेरी जांघो पर हाथ फेरते हुए बोले की अब तुम बहुत खूबसूरत लगने लगी हो। तो मेने कहा क्या में पहले अच्छी नहीं लगती थी आपको? तो भैया ने कहा ऐसी बात नहीं हे मुझे तो तुम बचपन से ही अच्छी लगती हो इसी लिए तो  बचपन  में मेने तुम्हारे साथ ऐसी हरकत की थी। मेने अनजान बनते हुए कहा किसी हरकत मुझे तो कुछ याद नहीं। लेकिन मुझे आशा थी की भैया आज भी कुछ ऐसी ही हरकत करके मुझे खुश कर देंगे।



अब तक भैया ने मेरे साथ अपनी हरकते शुरू  कर दी थी। और भैया अब मेरे गालो को कसकर नोचते हुए बोले क्या बात है आज तो मेरी बहन तो बहुत क्यूट लग रही है। और फिर जब मेने मुस्कुरा दिया तो मेरे भैया समझ गए की में उनकी हरकतों के लिए राजी हूँ।  और फिर क्या था भैया ने मेरे होठो को चूसना शुरू कर दिया।  और मेरे मुम्मो को मसलने लगे। अब में भी बेकाबू हो रही थी। और में भैया को कसकर पकड़कर उनके बालो को नोचने लगी। फिर भैया ने अपनी लोअर निकाल दी। और मुझे भी अपने कपडे निकालने को कहा और मेने भी अपने सारे कपडे निकाल दिए। अब भैया ने कहा आज में तेरे साथ ऐसा कुछ करूँगा जो पहले कभी नहीं किया।


भैया ने मुझे पूरी नंगी करके मेरी चूत को चाटने लगे। मेरी आहे निकलने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्म्म। और अब भैया ने भी अपना लौड़ा खड़ा करके मेरे मुँह में ठूंस दिया। अच्छी तरह से पेट भर के मुझे अपना लण्ड चूसा लेने के बाद उन्होंने मेरी टाइट और छोटी सी चूत में अपना कड़क लौड़ा घुसाने लगे मेरी चूत से बहुत पानी निकल रहा था और भैया का लण्ड भी मेरे चूसने से बहुत गिला हो गया था। जैसे ही भैया ने अपने लण्ड का सूपड़ा मेरी बुर के मुँह पर रख कर धक्का मारा वैसे ही पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस गया। मेरी तो मानो जान ही निकल गयी। में जोर जोर से कांपने लगी मेरे चेहरे पर पसीना ही पसीना हो गया। और में भैया से रिक्वेस्ट करने लगी की प्लीज भैया इसे निकाल लो नहीं तो में मर जाउंगी। पर भैया ने मेरी एक न सुनी और मुझे जोर जोर से चोदने लगे। चुदाई बहुत तेज होने से मेरी घबराहट बढ़ गयी और में अपने आप को चिल्लाने से रोक नहीं पायी। और जैसे ही में चिल्लाने को हुयी, मेरे भैया ने मेरे मुँह को किश करते हुए बंद कर दिया।


बहुत जोरदार चुदाई करने के बाद भैया ने अपना वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया। और फिर उन्होंने उन्होंने मुझे पावर बढ़ाने वाली दवाई खिला दी और खुद ने भी दवा खाई। बाद में उन्होंने फिर से मेरी चूत को चाटकर मेरा मन बना दिया। फिर उन्होंने अपना लण्ड खड़ा करके मेरी चूत में घुसा दिया। लेकिन इस बार मुझे दर्द नहीं हो रहा था और बल्कि मुझे मजा आ रहा था। और अब में भैया की चुदाई को एन्जॉय कर रही थी। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था की मेने आज चुदवा लिया। और मुझे इसका एहसास भी नहीं था की चुदवाने में इतना मजा आता है। मुझे उम्मीद है दोस्तों मेरी प्यारी चुदाई की कहानी आप लोगो को जरूर पसंद आयी होगी। 



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varun

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