कुंवारी चूत का रस: फ्रेंड्स चुदाई तो आप सब ने की ही होगी। और चुदाई करने का अपना अलग ही मज़ा होता है, पर क्या आप जानते हैं किसी कुंवारी लड़की को जिसकी सील पैक हो उसको चोदने में और कुंवारी चूत का रस पीने में जो मजा है वो और कही नहीं।
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रवि ( काल्पनिक नाम ) है। में आज आपको मेरे साथ हुयी एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हु जो एक बहुत ही खूबसूरत घटना है, जिसे पढ़ने के बाद आप भी कुंवारी चूत का रस एक बार जरूर पीना चाहेंगे। और यदि आपने कभी किसी कुंवारी लड़की की सील नहीं तोड़ी होगी तो आप को आज उस मजे से से रूबरू इस कहानी के माध्यम से करवाया जायेगा।
दोस्तों में नागपुर की एक कंपनी में जॉब करता हूँ। और यह बात दो महीने पहले की है जो में आज आपको बताने जा रहा हूँ। में नागपुर में पिछले दो साल से काम कर रहा हूँ। और यही किराये का कमरा लेकर अकेले रहता हूँ। मेरा पूरा परिवार महाराष्ट्र के ही एक छोटे से गांव में रहता है। वहां मेरे पिताजी एक गवर्नमेंट नौकरी करते है इसलिए हमारा घर भी वही है।
दो महीने पहले मेरे पापा के एक बहुत अच्छे दोस्त है रमेश अंकल वो भी उनके साथ ही जॉब करते है। वो हमारे ही गांव में पहले रहते थे,लेकिन उनका दो साल पहले ट्रांसफर हो गया था। तो वो लोग अब और किसी जगह शिफ्ट हो गए थे। रमेश अंकल के दो बच्चे है। उनका एक बड़ा बेटा है और एक छोटी बेटी है। बहुत ही क्यूट लगती थी, मेने उसको कई बार देखा है समय वो बच्ची हुआ करती थी।
कुछ समय पहले मेरे पापा का फ़ोन आया और पापा बोले बीटा रमेश अंकल की बेटी खुशबु का नागपुर में पेपर हे तो उसका वहा कुछ देखा हुआ नहीं है। और तुम्हारे अंकल को टाइम नहीं मिलेगा। खुशबु को पेपर दिलवा देना वो आएगी तो। मेने कहा वो खुशबु अकेले आ जाएगी नागपुर? पापा बोले हा बेटा वो अब बड़ी हो चुकी है। और पढ़ने लिखने में भी बहुत होशियार है। मेने कहा ठीक हे पापा में पेपर के टाइम भेज देना। पापा बोले में तुम्हारा नम्बर रमेश अंकल को दे रहा हु। वो तुम्हे कॉल करेंगे तो बात कर लेना। मेने कहा ठीक हे पापा आप नम्बर दे दीजिये।
कुछ देर बाद मेरे पास रमेश अंकल का कॉल आया।
अंकल - हेलो बेटा रवि।
में - जी अंकल नमस्ते कैसे हे आप ?
अंकल - में ठीक हु बेटा आप कैसे हो?
में - सब बढ़िया हे अंकल।
अंकल - बेटा जॉब कैसी चल रही है?
में - ठीक चल रही है अंकल।
अंकल - बेटा अपनी खुशबु का नागपुर में एग्जाम हे तो क्या आप उसे पेपर देने में हेल्प कर सकते हो? यदि आपको टाइम मिले तो ?
में - जी अंकल आप चिंता न करे में उसे पेपर दिलवा दूंगा।
अंकल - बेटा आप खुशबु के मोबाइल नंबर ले लो। खुशबु यहां से कल निकलेगी।
में - जी अंकल।
थोड़ी देर बाद में पास अंकल ने खुशबु का नंबर व्हाट्सप्प कर दिया। और मेने उसका नंबर सेव कर लिया। और जब मेने उसकी डेस्कटॉप पिक्चर देखा तो मेरे होश उड़ गए। वो इतनी गजब की लग रही थी। में तो उसे अभी वही दो साल पहले वाली बच्ची समझ रहा था। पर वो कली तो अब फूल बन चुकी थी।
अगले दिन खुशबु का मैसेज आया। में यहां से निकल चुकी हु। और कुछ देर बाद अंकल का फ़ोन आया की बेटा मेने खुशबु को यहां बस में बैठा दिया है। वो शाम तक नागपुर पहुंच जाएगी। मेने कहा ठीक है अंकल। और शाम को खुशबु का फ़ोन आया की में बस स्टॉप पर पहुंचने वाली हु। तो में तुरंत अपनी बाइक लेकर वहा पहुंच गया। और कुछ ही देर में मुझे खुशबु मिल गयी।
मेने उससे हाल चाल पूछा और मेने अंकल को फ़ोन कर दिया की खुशबु यहां पहुंच चुकी है। आप चिंता न करे। उसके बाद मेने पूछा की तुम्हारे पेपर कब हे। तो उसने कहा कल सुबह 10 बजे से हे। मेने सोचा इसे अपने साथ तो ले जा नहीं सकता क्युकी में खुद ही अकेले रहता हु। और ये अब बड़ी हो गयी है। जरूर संकोच करेगी तो मेने अपनी बाइक पर बैठाकर उसे ले जाने लगा।
में उसे ले ही जा रहा था की उसने कहा मुझे बहुत भूक लगी हे आज आपने खाना क्या बनाया हे। मेने कहा मेने जो बनाया था वो तो ख़त्म हो गया। अब जाऊंगा तो फिर से बनाऊंगा। उसने कहा अरे आप क्यों बनाएंगे, में हु न। में बनाउंगी आप के लिए खाना। इतना सुनकर में समझ गया की ये मेरे साथ ही चलेगी आज।
फिर मेने उसे एक रेस्टोरेंट ले जाकर कुछ खाना खिलाया। ताकि उसे जो भूक लगी थी वो कुछ तो शांत हो। वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी जिसे देखकर मेरी बढ़ गयी थी , और में उसके बारे में अभी ऐसा ज्यादा कुछ सोच नहीं रहा था। क्युकी वो बहुत पहले से मेरे साथ रही हे मेने उसे बचपन से देखा है। इसलिए उसके बारे में कुछ गन्दा नहीं सोच सकता था। पर वो मेरी कोई सगी भी नहीं थी।
फिर हम दोनों कुछ ही देर में अपने रूम पर पहुंच गए। और रूम पर पहुंचते ही बोली मुझे पहले वाशरूम जाना है और नहाना भी है। उसने अपने बेग से कुछ कपडे निकले और वो नहाने चली गयी। कुछ ही देर में जब वो बहार निकली तो में देख कर हैरान रह गया। वो एक छोटी सी निकर पहनकर और ऊपर स्लीवलेस टॉप पहनकर बहार आई। और उसे में देखकर बस देखते ही रह गया।
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वो बहुत चिकनी लग रही थी। तभी वो आकर बेड पर लेट गई और अपने दोनों हाथो को सर के पीछे कर लिए जिससे उसके चिकने और गोरे अंडरआर्म साफ दिखाई दे रहे थे। जिसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरा लण्ड कण्ट्रोल से बाहर हो रहा था।
फिर खुशबु बोली अरे आप ऐसे ही जीन्स पहने रहोगे क्या ? उतरो इसे इतनी गर्मी लग रही हे। ऐसी बाते सुनकर तो मेरे लण्ड से पानी ही निकलने लगा। फिर मेने भी कपडे निकाल दिए। और बनियान और चड्डे पर हो गया। चूँकि में अकेले रहता हूँ। इसलिए में अपने चड्डे के अंदर चड्डी नहीं पहना था। मेने जैसे ही अपनी जीन्स उतरा मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसके सामने साफ दिखने लगा।
वो भी मेरे लण्ड को निहारने लगी मुझे बहुत शर्म भी आ रही थी। पर उसकी बातो से ही मेरा लण्ड खड़ा हो चूका था। फिर में जल्दी से बाथरूम में घुस गया और मुठ मारने लगा। फिर जाकर मेरा लण्ड शांत हुआ। फिर में बाहर आया और हम दोनों ने मिलकर खाना बनाया। और साथ में खाना खाने लगे। फिर हम दोनों की बातें शुरू हुयी।
वो बहुत ही रोमांटिक बातें कर रही थी। और हम दोनों की बातें कुछ इस प्रकार शुरू हुयी।
खुशबु - आप शादी कब कर रहे हो।
में - कहा अगले साल जब घर वाले करेंगे।
खुशबु - क्यों कोई गर्लफ्रेंड नहीं है ?
में - नहीं यार टाइम ही नहीं मिलता है मुझे।
खुशबु - (मुस्कराहट के साथ) क्यों मेरे लिए है या नहीं टाइम?
में - है न।
खुशबु - में कैसी लगती हु आपको?
में - तुम तो बहुत खूबसूरत हो गई हो।
खुशबु - क्यों पहले नहीं थी क्या?
में - नहीं ऐसी बात नहीं है। पहले उस नजर से नहीं देखा था कभी।
खुशबु - किस नजर से अब देख रहे हो।
अब में उसकी बातो में फस गया था। और बस मुस्कुरा कर रह गया। उसकी आँखे सेक्सी हो चुकी थी और वो मेरे सामने ही अपने चूत को मसल रही थी। और उसकी आँखे मेरे लण्ड को निहार रही थी।
उसके नाजुक होठो को उसने दांतो से दबा लिया था जिससे वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी। और वो अभी भी मेरे ली लण्ड को निहार रही थी। तभी अचानक वो मेरे पास आकर मुझसे चिपक गयी। और अपने गोरे हाथो से मेरे लण्ड को चड्डे के ऊपर से पकडते हुए बड़ी ही मासूमियत से बोली ये आपका इतना बड़ा क्यों है।
मेने कहा वो किसी किस का ऐसा ही रहता हे। उसने कहा में निकाल कर देख लू? मेंने कुछ नहीं कहा और हां में सर हिला दिया। और में लेट गया उसने मेरा चड्डा बाहर निकाल दिया। अब में केवल बनियान में था और निचे पूरा नंगा हो गया था। वो बड़े ही प्यार से मेरे लण्ड को सहलाने लगी थी। जिससे मेरा लण्ड और जोर से टाइट हो गया था। उसने कहा ये कितना कड़क हे। फिर उसने मेरे लण्ड पर एक किश किया।
अब मेरे शरीर में बिजली दौड़ गयी थी। और अब में भी उसके बूब्स को सहलाने लगा था। फिर उसने भी अपना ऊपर का भाग कपडे से अलग कर दिया। फिर मेने उसे लेटाकर उसके बूब्स को पिने लगा और उसके गोरे चिकने अंडरआर्म को चाटने लगा। जिससे उसकी सिसकिया निकलने लगी अह्ह्ह्हह उहहहह उम्म्म।
फिर मेने अपने लण्ड को उसके होठो के पास ले जाकर लण्ड के गुलाबी सुपडे को चमड़ी से बाहर करते हुए उसके होठो से लगा दिया। और उसने भी टोपे को लोलीपॉप समझ कर मुँह के अंदर कर मेरे लण्ड को चूसने लगी। जब इतनी क्यूट और खूबसूरत लड़की आपके लण्ड को चुसती है तो पानी तो निकल ही जाता है। और उसने मेरे लण्ड से निकले वीर्य को भी पी लिया।
अब में उसको पूरा नंगा करके उसकी चूत को चाटने लगा उसकी चूत बहुत ही टाइट थी, में उसकी चूत की सील में अपनी जीभ को टकरा रहा था , और उसकी कुंवारी चूत का रस पिने लगा। जिससे बहुत ज्यादा मात्रा में वो नमकीन पानी छोड़ रही थी। जिसे में भी पिए जा रहा था। चूत चाटते हुए मेरा लंड फिर से खड़ा हो चूका था। अब मेने मौके का फायदा उठाते हुए उसे चोदने का सोचा।
वो मेरा लंड देखकर थोड़ा डर रही थी पर मेने उसे लेटाकर अपने लण्ड का सूपड़ा उसके चूत के द्वार पर रखा और एक झटका मारा जिससे मेरा लण्ड चिकना होने के कारण पूरा उसकी चूत में घुस गया जिससे उसकी बहुत जोरदार चीख निकली और वो रोने लगी। और उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे। जिसे देखकर में उसे और चोदने लगा। वो बहुत मेरे लण्ड को निकालने की कोशिश कर रही थी पर में उसे जबरजस्ती चोदता रहा।
कुछ ही देर में मेने देखा की मेरा लण्ड खून से लाल हो गया है और बिस्तर पर भी खून गिरा हुआ था। पर मेने उसे ये सब नहीं दिखाया बस चोदते रहा। कुछ देर में उसे मजा आने लगा उसने अपने आंसू पोछ लिए और मेरी चुदाई को एन्जॉय करने लगी। और फिर हमने उस रात सुबह 4 बजे तक चुदाई की उसे बहुत मजा आया। वो एग्जाम देकर वापस आयी तो फिर से मेने उसे चोदा और उसे शाम को बस पर बैठा दिया।
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कुंवारी चूत का रस |
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रवि ( काल्पनिक नाम ) है। में आज आपको मेरे साथ हुयी एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हु जो एक बहुत ही खूबसूरत घटना है, जिसे पढ़ने के बाद आप भी कुंवारी चूत का रस एक बार जरूर पीना चाहेंगे। और यदि आपने कभी किसी कुंवारी लड़की की सील नहीं तोड़ी होगी तो आप को आज उस मजे से से रूबरू इस कहानी के माध्यम से करवाया जायेगा।
दोस्तों में नागपुर की एक कंपनी में जॉब करता हूँ। और यह बात दो महीने पहले की है जो में आज आपको बताने जा रहा हूँ। में नागपुर में पिछले दो साल से काम कर रहा हूँ। और यही किराये का कमरा लेकर अकेले रहता हूँ। मेरा पूरा परिवार महाराष्ट्र के ही एक छोटे से गांव में रहता है। वहां मेरे पिताजी एक गवर्नमेंट नौकरी करते है इसलिए हमारा घर भी वही है।
दो महीने पहले मेरे पापा के एक बहुत अच्छे दोस्त है रमेश अंकल वो भी उनके साथ ही जॉब करते है। वो हमारे ही गांव में पहले रहते थे,लेकिन उनका दो साल पहले ट्रांसफर हो गया था। तो वो लोग अब और किसी जगह शिफ्ट हो गए थे। रमेश अंकल के दो बच्चे है। उनका एक बड़ा बेटा है और एक छोटी बेटी है। बहुत ही क्यूट लगती थी, मेने उसको कई बार देखा है समय वो बच्ची हुआ करती थी।
कुछ समय पहले मेरे पापा का फ़ोन आया और पापा बोले बीटा रमेश अंकल की बेटी खुशबु का नागपुर में पेपर हे तो उसका वहा कुछ देखा हुआ नहीं है। और तुम्हारे अंकल को टाइम नहीं मिलेगा। खुशबु को पेपर दिलवा देना वो आएगी तो। मेने कहा वो खुशबु अकेले आ जाएगी नागपुर? पापा बोले हा बेटा वो अब बड़ी हो चुकी है। और पढ़ने लिखने में भी बहुत होशियार है। मेने कहा ठीक हे पापा में पेपर के टाइम भेज देना। पापा बोले में तुम्हारा नम्बर रमेश अंकल को दे रहा हु। वो तुम्हे कॉल करेंगे तो बात कर लेना। मेने कहा ठीक हे पापा आप नम्बर दे दीजिये।
कुछ देर बाद मेरे पास रमेश अंकल का कॉल आया।
अंकल - हेलो बेटा रवि।
में - जी अंकल नमस्ते कैसे हे आप ?
अंकल - में ठीक हु बेटा आप कैसे हो?
में - सब बढ़िया हे अंकल।
अंकल - बेटा जॉब कैसी चल रही है?
में - ठीक चल रही है अंकल।
अंकल - बेटा अपनी खुशबु का नागपुर में एग्जाम हे तो क्या आप उसे पेपर देने में हेल्प कर सकते हो? यदि आपको टाइम मिले तो ?
में - जी अंकल आप चिंता न करे में उसे पेपर दिलवा दूंगा।
अंकल - बेटा आप खुशबु के मोबाइल नंबर ले लो। खुशबु यहां से कल निकलेगी।
में - जी अंकल।
थोड़ी देर बाद में पास अंकल ने खुशबु का नंबर व्हाट्सप्प कर दिया। और मेने उसका नंबर सेव कर लिया। और जब मेने उसकी डेस्कटॉप पिक्चर देखा तो मेरे होश उड़ गए। वो इतनी गजब की लग रही थी। में तो उसे अभी वही दो साल पहले वाली बच्ची समझ रहा था। पर वो कली तो अब फूल बन चुकी थी।
अगले दिन खुशबु का मैसेज आया। में यहां से निकल चुकी हु। और कुछ देर बाद अंकल का फ़ोन आया की बेटा मेने खुशबु को यहां बस में बैठा दिया है। वो शाम तक नागपुर पहुंच जाएगी। मेने कहा ठीक है अंकल। और शाम को खुशबु का फ़ोन आया की में बस स्टॉप पर पहुंचने वाली हु। तो में तुरंत अपनी बाइक लेकर वहा पहुंच गया। और कुछ ही देर में मुझे खुशबु मिल गयी।
मेने उससे हाल चाल पूछा और मेने अंकल को फ़ोन कर दिया की खुशबु यहां पहुंच चुकी है। आप चिंता न करे। उसके बाद मेने पूछा की तुम्हारे पेपर कब हे। तो उसने कहा कल सुबह 10 बजे से हे। मेने सोचा इसे अपने साथ तो ले जा नहीं सकता क्युकी में खुद ही अकेले रहता हु। और ये अब बड़ी हो गयी है। जरूर संकोच करेगी तो मेने अपनी बाइक पर बैठाकर उसे ले जाने लगा।
में उसे ले ही जा रहा था की उसने कहा मुझे बहुत भूक लगी हे आज आपने खाना क्या बनाया हे। मेने कहा मेने जो बनाया था वो तो ख़त्म हो गया। अब जाऊंगा तो फिर से बनाऊंगा। उसने कहा अरे आप क्यों बनाएंगे, में हु न। में बनाउंगी आप के लिए खाना। इतना सुनकर में समझ गया की ये मेरे साथ ही चलेगी आज।
फिर मेने उसे एक रेस्टोरेंट ले जाकर कुछ खाना खिलाया। ताकि उसे जो भूक लगी थी वो कुछ तो शांत हो। वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी जिसे देखकर मेरी बढ़ गयी थी , और में उसके बारे में अभी ऐसा ज्यादा कुछ सोच नहीं रहा था। क्युकी वो बहुत पहले से मेरे साथ रही हे मेने उसे बचपन से देखा है। इसलिए उसके बारे में कुछ गन्दा नहीं सोच सकता था। पर वो मेरी कोई सगी भी नहीं थी।
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कुंवारी चूत का रस |
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वो बहुत चिकनी लग रही थी। तभी वो आकर बेड पर लेट गई और अपने दोनों हाथो को सर के पीछे कर लिए जिससे उसके चिकने और गोरे अंडरआर्म साफ दिखाई दे रहे थे। जिसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरा लण्ड कण्ट्रोल से बाहर हो रहा था।
फिर खुशबु बोली अरे आप ऐसे ही जीन्स पहने रहोगे क्या ? उतरो इसे इतनी गर्मी लग रही हे। ऐसी बाते सुनकर तो मेरे लण्ड से पानी ही निकलने लगा। फिर मेने भी कपडे निकाल दिए। और बनियान और चड्डे पर हो गया। चूँकि में अकेले रहता हूँ। इसलिए में अपने चड्डे के अंदर चड्डी नहीं पहना था। मेने जैसे ही अपनी जीन्स उतरा मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसके सामने साफ दिखने लगा।
वो भी मेरे लण्ड को निहारने लगी मुझे बहुत शर्म भी आ रही थी। पर उसकी बातो से ही मेरा लण्ड खड़ा हो चूका था। फिर में जल्दी से बाथरूम में घुस गया और मुठ मारने लगा। फिर जाकर मेरा लण्ड शांत हुआ। फिर में बाहर आया और हम दोनों ने मिलकर खाना बनाया। और साथ में खाना खाने लगे। फिर हम दोनों की बातें शुरू हुयी।
वो बहुत ही रोमांटिक बातें कर रही थी। और हम दोनों की बातें कुछ इस प्रकार शुरू हुयी।
खुशबु - आप शादी कब कर रहे हो।
में - कहा अगले साल जब घर वाले करेंगे।
खुशबु - क्यों कोई गर्लफ्रेंड नहीं है ?
में - नहीं यार टाइम ही नहीं मिलता है मुझे।
खुशबु - (मुस्कराहट के साथ) क्यों मेरे लिए है या नहीं टाइम?
में - है न।
खुशबु - में कैसी लगती हु आपको?
में - तुम तो बहुत खूबसूरत हो गई हो।
खुशबु - क्यों पहले नहीं थी क्या?
में - नहीं ऐसी बात नहीं है। पहले उस नजर से नहीं देखा था कभी।
खुशबु - किस नजर से अब देख रहे हो।
अब में उसकी बातो में फस गया था। और बस मुस्कुरा कर रह गया। उसकी आँखे सेक्सी हो चुकी थी और वो मेरे सामने ही अपने चूत को मसल रही थी। और उसकी आँखे मेरे लण्ड को निहार रही थी।
उसके नाजुक होठो को उसने दांतो से दबा लिया था जिससे वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी। और वो अभी भी मेरे ली लण्ड को निहार रही थी। तभी अचानक वो मेरे पास आकर मुझसे चिपक गयी। और अपने गोरे हाथो से मेरे लण्ड को चड्डे के ऊपर से पकडते हुए बड़ी ही मासूमियत से बोली ये आपका इतना बड़ा क्यों है।
मेने कहा वो किसी किस का ऐसा ही रहता हे। उसने कहा में निकाल कर देख लू? मेंने कुछ नहीं कहा और हां में सर हिला दिया। और में लेट गया उसने मेरा चड्डा बाहर निकाल दिया। अब में केवल बनियान में था और निचे पूरा नंगा हो गया था। वो बड़े ही प्यार से मेरे लण्ड को सहलाने लगी थी। जिससे मेरा लण्ड और जोर से टाइट हो गया था। उसने कहा ये कितना कड़क हे। फिर उसने मेरे लण्ड पर एक किश किया।
अब मेरे शरीर में बिजली दौड़ गयी थी। और अब में भी उसके बूब्स को सहलाने लगा था। फिर उसने भी अपना ऊपर का भाग कपडे से अलग कर दिया। फिर मेने उसे लेटाकर उसके बूब्स को पिने लगा और उसके गोरे चिकने अंडरआर्म को चाटने लगा। जिससे उसकी सिसकिया निकलने लगी अह्ह्ह्हह उहहहह उम्म्म।
फिर मेने अपने लण्ड को उसके होठो के पास ले जाकर लण्ड के गुलाबी सुपडे को चमड़ी से बाहर करते हुए उसके होठो से लगा दिया। और उसने भी टोपे को लोलीपॉप समझ कर मुँह के अंदर कर मेरे लण्ड को चूसने लगी। जब इतनी क्यूट और खूबसूरत लड़की आपके लण्ड को चुसती है तो पानी तो निकल ही जाता है। और उसने मेरे लण्ड से निकले वीर्य को भी पी लिया।
अब में उसको पूरा नंगा करके उसकी चूत को चाटने लगा उसकी चूत बहुत ही टाइट थी, में उसकी चूत की सील में अपनी जीभ को टकरा रहा था , और उसकी कुंवारी चूत का रस पिने लगा। जिससे बहुत ज्यादा मात्रा में वो नमकीन पानी छोड़ रही थी। जिसे में भी पिए जा रहा था। चूत चाटते हुए मेरा लंड फिर से खड़ा हो चूका था। अब मेने मौके का फायदा उठाते हुए उसे चोदने का सोचा।
वो मेरा लंड देखकर थोड़ा डर रही थी पर मेने उसे लेटाकर अपने लण्ड का सूपड़ा उसके चूत के द्वार पर रखा और एक झटका मारा जिससे मेरा लण्ड चिकना होने के कारण पूरा उसकी चूत में घुस गया जिससे उसकी बहुत जोरदार चीख निकली और वो रोने लगी। और उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे। जिसे देखकर में उसे और चोदने लगा। वो बहुत मेरे लण्ड को निकालने की कोशिश कर रही थी पर में उसे जबरजस्ती चोदता रहा।
कुछ ही देर में मेने देखा की मेरा लण्ड खून से लाल हो गया है और बिस्तर पर भी खून गिरा हुआ था। पर मेने उसे ये सब नहीं दिखाया बस चोदते रहा। कुछ देर में उसे मजा आने लगा उसने अपने आंसू पोछ लिए और मेरी चुदाई को एन्जॉय करने लगी। और फिर हमने उस रात सुबह 4 बजे तक चुदाई की उसे बहुत मजा आया। वो एग्जाम देकर वापस आयी तो फिर से मेने उसे चोदा और उसे शाम को बस पर बैठा दिया।
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