गाँव का कड़क माल - नई सेक्सी कहानी - सेक्स स्टोरी हिंदी

गाँव का कड़क माल:   उसने जैसे हि अपना टॉप निकाला उसके गोल मटोल सुडोल और कड़क बूब्स मेरे सामने  वाइब्रेशन करते हुए झूल गए।  निप्पल पर जैसे ही मेरे लण्ड का टोपा लगा उसकी सिसकियाँ और मेरी आहें कमरे में गूंजने लगी।




गाँव का कड़क माल
गाँव का कड़क माल 


गाँव का कड़क माल - चुदाई की मस्त कहानी 


नमस्कार दोस्तों मेंरा नाम  वैभव है। में sexstoryhindi.xyz का नियमित पाठक हूँ। आज में आपको इस पोस्ट के जरिये  एक ऐसी सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ  जो मेरे साथ कुछ दिनों पहले घटित हुयी। दोस्तों में वादा करता हूँ कि इस स्टोरी को पढ़ते पढ़ते आपका लण्ड टाइट हो जायेगा। और आपका मन मुठ मारने को करने लगेगा। इस स्टोरी को आप अंत तक पढ़ें बहुत मजा आएगा।


दोस्तों अभी कुछ समय पहले मेरे एक दोस्त सुयश की शादी थी। एक्चुअली में सुयश से मेरी फ्रेंडशिप फेसबुक पर हुयी थी। सुयश उत्तर प्रदेश के अलाहाबाद  में रहता था। मेरी उससे अक्सर बातचीत होती रहती थी। लेकिन  हम लोग कभी फेस टू फेस बात नहीं किये थे।


उन दिनों मेरी छुट्टी चल रही थी, और मैं बिकुल फ्री था और सुयश की शादी भी थी उसने मुझे कॉल किया और कहा भाई आप आ जाओ तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। और हम लोग एक दूसरे से मिल भी लेंगे। उसके बुलाने पर मैने भी जाने का प्लान कर लिया। और मेने अपनी पैकिंग की और चल दिया लखनऊ के लिए।


जब में मेरे दोस्त सुयश के घर पंहुचा तो वो बहुत खुश हुआ। उसे मुझे सब से मिलवाया और मेरी खूब खातेदारी की। में उसके घर शादी के तीन दिन पहले की पंहुच गया था। फिर उसके यहां भी मेहमान आने लगे थे। जो लोग दूर के रिस्तेदार थे वो सभी लोग आ चुके थे। और बाकी लोग आ रहे थे।


सुयश का घर काफी बड़ा था तो उसने मुझे एक कमरा दे दिया था। और कहा की तुम अपना सामान यही रखो और जब ज्यादा मेहमान होंगे तो किसी को और रख लेना। अभी तो तुम अकेले ही रहो। फिर मेने अपना सामान अपने कमरे में रख दिया। और वही सो गया। शाम को मुझे सुयश ने उठाया और कहा की पटना से मेरी मौसी आ रही है तो तुम मेरे छोटे भाई के साथ उन्हें लेने स्टेशन चले जाना। मेने कहा ठीक है और मैं तैयार हो गया। 


उसके छोटे भाई को लेकर मैं स्टेशन पंहुचा। और हम वहा ट्रैन का इन्तजार करने लगे। कुछ ही देर में ट्रैन आ गई और उसकी मौसी कुछ ही देर में हमें मिल गई। उसकी मौसी के साथ उनकी लड़की भी थी। जो बहुत ही ज्यादा सैक्सी और अट्रेक्टिव लग रही थी। मेने जैसे उसकी मौसी की लड़की को टाइट जीन्स और टॉप में देखा तो मेरा लौड़ा ही खड़ा हो गया। पर मेने जैसे तैसे कण्ट्रोल किया और उसकी मौसी मेरे पास बैठी और उसकी लड़की सुयश के भाई के साथ बैठ गयी।


कुछ ही देर में हम लोग  उन्हें लेकर घर पहुंचे मेने रस्ते में ही सुयश की मौसी से अच्छे व्यवहार बना लिए थे, ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो। मेने पता किया उस लड़की का नाम कोमल था। कोमल बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी। मेने देखा की वो लोग मेरे बगल वाले कमरे में ही रुके थे। और कोमल भी अपना सामान कमरे में रख रही थी। में उनके कमरे में गया और उनकी मदद करने लगा। और कुछ देर कोमल की कड़क गांड देखने का मौक़ा मिल गया। 


आंटी ने मुझसे पूछा बेटे क्या करते हो? कहा रहते हो? और भी सब कुछ। मेने आंटी को अपने बारे में सबकुछ बताया। फिर हम लोग आपस में अच्छे से घुल मिल गए थे। फिर कोमल भी मुझसे बाते करने लगी थी। कोमल की उम्र लगभग इक्कीस साल की रही होगी। उसकी मम्मी कोमल के बारे में बताते हुए कहने लगी की कोमल घर का सारा काम अकेले ही करती है। और बहुत काम काजी लड़की है। कोमल का भरा हुआ बदन देखकर ही लग रहा था की उसने हार्ड वर्क करके ही अपना गठीला बदन सेक्सी गांड उभरे हुए दूध को बनाया है।


में कोमल की गांड और बूब्स पर से अपनी नजर ही नहीं हटा पा रहा था। अब में उसे नंगा देखना चाहता था। उसके बूब्स को चूसना चाहता था। उसकी गांड में अपना लौड़ा घुसाना चाहता था। तभी मेने महसूस किया की मेरा लण्ड खड़ा हो गया है और में उसे छुपाते हुए आंटी से कुछ काम हे कहकर अपने कमरे में आ गया। अब में अपने कमरे में आते ही सारे कपडे निकाल कर अपने लण्ड को सहलाने लगा। मेरी उस समय झांटे बहुत बढ़ गयी थी तो मेने उन्हें साफ करने का सोचा। यदि मौका मिल जाए किसी को चोदने का इसलिए मेने अपने लण्ड के बाल को ट्रिम करने का सोचा। और में नंगा होकर लण्ड के बाल को ट्रिम करने लगा।


झांट साफ करते वक्त मेरा लण्ड एकदम टाइट हो चुका था। और पानी भी छोड़ रहा था। मेंरे कमरे में अक्सर कोई जल्दी से आता नहीं है तो मुझे दरवाजा लॉक करने की जरूरत नहीं होती थी। और दरवाजा बंद करने के बारे में भूल ही गया। मेने दरवांजा अंदर से लॉक नहीं किया था बस ऐसे ही लगा रखा था। अचानक मेने देखा की कोमल दरवाजा खोलकर सीधे अंदर आ गयी। और में उसके सामने खड़ा लण्ड लेकर एकदम नंगा खड़ा हुआ था। कोमल मुझे ऐसे देखकर भागी नहीं बल्कि मुझे निचे से ऊपर तक पहले पूरा देख लिया। उसके बाद उसने पीछे मुँह घुमा लिया। और मेने भी झट से अपना टॉवल लपेट लिया। फिर उसने कहा आप मार्किट जाओगे क्या? मुझे कुछ सामन मंगवाना है। मेने कहा हां चला जाऊंगा यदि आपको काम हे तो। फिर वो वापस मुड़ी और मुझे पैसे देते हुए कहा एक फेसिअल किट ले आना। मेने कहा ठीक है में ले आऊंगा।


वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी। और वो कमरे से बाहर भी नहीं गयी थी। फिर वो आकर कमरे में लगे पलंग पर बैठ गयी। और पूछने लगी आप कब आये हो यहां? मेने कहा मुझे चार दिन हुए हे आये को। फिर उसने डायरेक्ट पूछा तुम अकेले में ऐसे ही रहते  हो बिना कपडे के। मेने कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। जब मेने देखा की वो थोड़े रोमांटिक अंदाज में बात कर रही है तो मेरा लण्ड और ज्यादा कड़क होने लगा था। और टॉवल का उभरा हुआ भाग साफ दिखाई दे रहा था। कोमल को भी पता चल ही रहा था की मेरा लण्ड खड़ा हुआ है, कोमल ने कहा अच्छा तुम अपना काम करलो में कुछ देर में आती हु। और वो वहा से मुस्कुराते हुए चली गयी। मेरा लण्ड लगभग आधा ट्रिम हो चूका था। उसके जाने के बाद मेने फिर से अपना काम स्टार्ट कर दिया।



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अब मुझे लग रहा था की कोमल को मेरे लण्ड से कोई ऐतराज नहीं है, वो मेरे लण्ड को देखकर काफी खुश भी हुयी। अगर अब मौका मिला तो उसको अपना लण्ड पूरा खोलकर दिखा दूंगा। बस यही सब सोचकर मेरे पूरी तरह से झांटे बनाने के बाद अपने लण्ड को हिलाना शुरू किया और मुठ मारने लगा। जैसे ही मेने लण्ड को हिलाना शुरू किया कोमल फिर से आ गयी और इस बार वो लगातार मेरे लण्ड को देख रही थी। उसने दरवाजे को भी ढलका दिया। जिससे कोई और न देख सके। फिर में धीरे से मुठ मारते हुए कोमल के पास गया। इससे पहले कभी लण्ड देखा है, उसने कहा नहीं। और फिर उसने कहा ये क्या कर रहे हो आप। मेने उसे बताया इसको मुठ मारना कहते है। जैसे लड़किया ऊँगली करती है वैसे लड़के मुठ मारते है।


अब मेने दरवाजा ठीक से बंद कर दिया और कोमल से कहा आओ बैठो तुम क्यों खड़ी हो। तब कोमल आकर मेरे पास बैठ गयी। अब वो निचे गर्दन किये मेरे लण्ड को निहार रही थी। चूँकि में पूरा नंगा होकर उसके पास बैठा था। लेकिन उसे कोई ऐतराज नहीं हुआ। मैंने अब मेरा एक हाथ उसके कंधे पर डाल दिया। और उसको अपनी और खींचकर चिपकाने लगा। लेकिन अब भी उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी ,फिर मैंने जैसे ही उसे अपनी और खिंचा। उसने अपना एक हाथ बिलकुल मेरे लण्ड के पास जांघ पर रख दिया। फिर वो मेरे लण्ड की और देखने लगी। मैंने उससे कहा की देखो लण्ड को छू कर। फिर उसने धीरे से मेरे लण्ड को पकड़ लिया।


अब मैंने भी उसके कंधे से होते हुए अपने हाथ को उसके बूब्स तक पहुंचाया तो उसने मेरे लण्ड को और कसकर पकड़ लिया। अब मेने अपने हाथो को उसके बूब्स तक पंहुचा दिया था। उसके बूब्स बहुत ही कड़क थे। वो मेरे लण्ड को बड़े प्यार से मजे ले लेकर सहला रही थी और में उसके बूब्स के मजे ले रहा था। अब वो भी धीरे से गरम हो गयी थी। मेने अब उसे उसके कपडे निकालने के लिए कहा और शायद उसकी भी यही इच्छा थी उसने अपने कपडे झट से निकाल दिए। अब हम दोनों कमरे में अकेले पुरे नंगे थे।


उसकी साँसों की गति बहुत बढ़ गयी थी। और वो जोर जोर से आहे भर रही थी। अब मैंने भी उसकी शानदार चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने का आनंद लेने लगा। जिससे वो और ज्यादा रोमांचित होने लगी। और मुझे कसकर अपनी बाहो में जकड़ने लगी। अब मेरा कड़क लण्ड उसकी चूत ने बिलकुल घुसने को तैयार था। पर में उसकी खूबसूरत बॉडी को देखकर इतना ज्यादा रोमांचित हो उठा था की मैंने उसकी चूत को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। तभी उसने भी मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया। और जोर जोर से चूसने लगी।


अब वो और में दोनों ही बस चुदाई करने को आतुर हो गए थे। और फिर हमने और ज्यादा एक दूसरे को नहीं तड़पाया और मैंने अपने लण्ड की ऊपर की चमड़ी को पूरा पीछे करके लण्ड के टोपे को चूत के मुँह पर रखकर जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में जा घुसा। जिससे उसकी जोरदार आह कमरे में गूँज गई। अब में उसे चोदने लगा था। जिससे कमरे में हम दोनों की अह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म ओह्ह्ह्हह की आवाज गूँज रही थी। 




varun

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