प्यारी भतीजी की पहली चुदाई : उसकी गुलाबी चूत इतनी सॉफ्ट थी की मेंने उसकी चूत से निकलते रस को पी गया। और उसकी गांड को चाटकर कर भी मेरी हवस नहीं बुझी। फिर मेने उसके पुरे बदन को नंगा करके चाटना शुरू किया। जिससे उसका भी चुदाई का मन बन ही गया। और फिर क्या था।
प्यारी भतीजी की पहली चुदाई |
उन्नीस साल की भतीजी के साथ गुजारी पूरी रात
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम पियूष है और मैं अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहता हूं मेरे परिवार मेरे पापा मंगा मेरा छोटा भाई और एक बहन है हम लोग शुरू से ही दिल्ली में रहते हैं मेरे पापा के बड़े भाई यानी कि मेरे ताऊजी जो की शुरू से ही लखनऊ में रहते हैं उनके बड़े लड़के जो मुझसे काफी उम्र में बड़े हैं उनकी फैमिली में उनका एक छोटा बेटा और एक बड़ी बेटी है उनकी बड़ी बेटी का नाम सुरभि है सुरभि 19 साल की एक लड़की है जो कि दिखने में बहुत ही ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत लगती है।
मेरे ताऊजी के बड़े लड़के याने सुरभि के पापा मम्मी ने प्लान किया कि वह लोग हमारे यहां दिल्ली घूमने के लिए आएंगे। और फिर वहां से हम लोग और कहीं घूमने के लिए जाएंगे तो उन लोगों ने जब प्लान किया तो मुझे फोन करके भैया ने पूछा कि हम लोग 20 तारीख को तुम्हारे यहां आ रहे हैं ,तो क्या तुम हमारे साथ घूमने चलोगए यदि तुम्हें टाइम हो तो? मैंने कहा जी भैया बिल्कुल मैं आपके साथ चलूंगा। और मैंने पूछा आपके साथ कौन-कौन आ रहा है तो उन्होंने बताया कि तुम्हारी भाभी सुरभि और अनुज भी आ रहे हैं। अनुज सुरभि के छोटे भाई का नाम था। जो कि 12 साल का था। वहां से दिल्रली आकर उन लोगों का प्लान था कि दिल्ली में 2 दिन रुकेंगे पहले मेरे साथ दिल्ली में कुछ जगहों पर घूमेंगे उसके बाद हमारा प्लान पंजाब और जम्मू कश्मीर जाने का था।
अगले दिन जैसे ही वह लोग दिल्ली पहुंचे में उन्हें रिसीव करने गया तो मैंने देखा कि भैया भाभी अपने दोनों बच्चों के साथ वहां सकुशल पहुंच चुके हैं। सुरभि काफी बदल चुकी थी क्योंकि उसे मैंने लगभग 3 साल पहले देखा था जब वह एक छोटी बच्ची हुआ करती थी। लेकिन अब सुरभि बहुत ही बदल चुकी थी वह बहुत ही क्यूट और गोरे रंग की थी उसका रंग एकदम दूध के कलर का था जिससे उसकी स्किन बहुत चिकनी लगती थी और मैं उसे पहली नजर ने बस देखते ही रह गया।
अब में आप को अपने बारे में कुछ बातें बता देता हूं मेरी उम्र लगभग 26 साल है। में दिल्ली में एजुकेशन करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूं और मुझे शुरू से ही दिल्ली में ही रहना पसंद है। दोस्तों मैं दिखने में इतना ज्यादा स्मार्ट तो नहीं लेकिन मैं बहुत कामुक प्रवत्ति का व्यक्ति हूँ। पिछले कई सालों से या यूं कहें स्कूल के टाइम से ही पोर्न देखने की आदत हो चुकी है। और में इतना ज्यादा कामुक हो चुका था की मैंने इंटरनेट पर उपलब्ध कहीं सारी पोर्न मूवीस देख डाली। और उसके बाद मेरा इस प्रकार की फिल्मों से इंटरेस्ट खत्म हो गया। और अब मेरा इंटरेस्ट है इंटरनेट पर सेक्स स्टोरी पढ़ने का हो गया है। और मैंने टॉप के सभी वेबसाइट की सेक्सी स्टोरीज को पढ़ डाला है। और अभी मैं एक लेटेस्ट साइट sexstoryhindi.xyz पर स्टोरी पढ़ रहा हूं और यहीं से मुझे आईडिया मिला कि मैं आप लोगों के लिए ये कहानी शेयर करु। .
दोस्त वापस आते अपनी कहानी पर मैंने जैसे ही सुरभि को दिखा उसे देखकर मेरा मन मचल गया। और मैं उसके गोरे गालों पर बस एक बार किस करना चाहता था। लेकिन करता भी क्या वह रिलेशनशिप में जो थी। इसलिए मुझे भी काफी संकोच हो रहा था। क्योंकि वह रिश्ते में मेरी भतीजी लगती थी। फिर ठीक है लेकिन जो सुंदर है सुंदर ही रहेगा। और मन को तो कोई मचलने से नहीं रोक सकता। आप लोगों के साथ भी ऐसा होता मुझे पता है इस उमर में अक्सर ऐसा होता है। तो हम लोग घर पहुंचे तो उस दिन सारे लोग आराम करने लगे क्योंकि वह लोग सफर से आए थे वह काफी थक गए थे।
लेकिन सुबह जब खाने पर सब लोग एक साथ इकट्ठा हो गए तो मैंने देखा कि सुरभि ने मिनी स्किर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था। जिसमें बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसके बदन पर एक भी बाल या यूं कहें रूये नहीं थे जिससे वह बहुत ही ज्यादा चिकनी लग रही थी।उसे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। में धीरे से सुरभि के साइड में जाकर बैठ गया। और हम लोग खाना खाने लगे सुरभि ने मेरी तरफ देखते मुझसे बातें करना चालू कर दी। मुझे लगा कि वह बदल गई है तो मुझसे ज्यादा बात भी नहीं करेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं था वह बहुत ही ज्यादा फ्रैंक और ओपन माइंडेड थी वह मेरे पास में बैठ कर मुझसे खूब बातें करने लगे बार-बार मुझसे चिपक जा रहे थी मैंने भी उस दिन टीशर्ट और लोअर पहन रखा था तो मेरी टी-शर्ट जो कि हॉप थी दोस्तों जब उसकी बाहें है मेरी बाहों से टकरा रही थी तो मेरे शरीर में करंट सा दौड़ रहा था।
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मैं बस उसी को घूरे जा रहा था जब भी बातें करती तो उसके गुलाबी रंग के लिप्स मेरा लण्ड खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। मैं खाना खाने के बाद तुरंत बाथरूम में जाकर मूठ मारी। क्योंकि उसने मतलब सुरभि ने मेरा लण्ड को खड़ा कर दिया था। और मैं बस उसे एक बार कस कर चोदना चाहता था। मैं अपना लण्ड का टोपा उसके लिप्स में रगड़ना चाहता था। मैं बस यही सोच कर पागल हो रहा था कि उसके गोरे बदन पर जब मेरे वाइट रंग का वीर गिरेगा तो क्या मजा आएगा। फिर क्या था में उसके पीछे पड़ गया और हमेशा से चिपके रहता। चूँकि रिलेशनशिप होने के कारण कोई शक भी नहीं कर सकता था।
फिर हम लोग शाम को जब घूमने गए तो मैं हमेशा उसका ख्याल रखता और उसे आइसक्रीम खिला ना जैसे काम करना आदि कर रहा था। ताकि उस का अटेंशन मुझ पर बना रहे। और बार-बार उसकी नजरों के सामने आ रहा था। वह खुद भी मुझसे इतना ज्यादा घुल मिल गई की बार-बार मुझसे ही बातें करती और सब लोग अलग चलते और हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़कर अलग चलते। और जब हम शाम को घर आया तो भी मैं देर रात तक उसके साथ बैठकर बातें किया।अभी मैं उससे इसलिए ऐसी प्यार वाली बातें कर रहा था क्योंकि वह केवल 19 साल की थी। तो उसे सेक्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं होगा ऐसा मुझे लग रहा था इसलिए मैं उसे पटाने में लगा हुआ था।
अगले दिन हम फिर दिल्ली में अलग लोकेशन पर घूमने के लिए निकल गए शाम को जब घूम फिर कर घर पर आये तो वह काफी थक चुकी थी। और अपने दोनों बांहें मेरे गले में डालते हुए मुझ पर झूल गई और बोलो चाचू मैं बहुत थक गई हूं। प्लीज मुझे सुला लो ना मैंने बोला चलो अपने कमरे में सो जाओ। मुझे उठा कर ले चलो मैंने मजाक में कहा अरे पगली तेरा वजन बहुत ज्यादा है मैं तुझे नहीं उठा पाऊंगा। फिर हम दोनों आपस में मस्ती करने लगे। और उसे मैं कमरे तक ले गया और मैंने उसे कहा ठीक है तुम सो मैं जा रहा हूं। तो उसने कहा आज मेरे बहुत पैर दर्द हो रहे हैं काश कोई होता दबाने वाला तो दबा देता। तो मुझे एहसास हुआ कि वह मेरे जाल में फंस चुकी हैं मैंने कहा ज्यादा पैर दर्द करे तो मुझे बुला लेना मैं पैर दबा दूंगा। उसने कहा अच्छा सच में चाचू आपको पैर दबाना आता है ?मैंने कहा मुझे पैर दबाना भी आता है और तुम्हारा गला दबाना भी आता है। और हम हंसने लगे और मैं अपने कमरे में आकर लेट गया।
अपने मोबाइल को चेक करने लगा था कि अचानक सुरभि का मैसेज आया उसने लिखा चाचू मुझे नींद नहीं आ रही है। मैंने पूछा क्यों क्या? हुआ पैर ज्यादा दर्द हो रहे हैं क्या? तो सुरभि ने कहा हां चाचु। मैंने कहा रुको तुम्हारे लिए टेबलेट ला देता हूं। सुरभि ने कहा नहीं टेबलेट नहीं आप आकर दबा दीजिए मैंने कहा अच्छा सच में ?हां चाचा मैंने कहा रहने दो यार नहीं तो कोई देखेगा तो कहेगा कि मैं तुम्हारे कमरे में इतनी रात में क्या कर रहा था ? तो वो बोली आपको मतलब मेरे पैर दबाना नहीं है। मैंने कहा नहीं यार क्यूट हो में तुम्हें कैसे मना कर सकता हूं। तो उसने कहा सच में मैं को क्यूट लगती हूं ?मैंने कहा तुम हो क्यूट और मुझे अच्छी लगती हो। मैंने बोला अभी तो ज्यादा कुछ देखा नहीं है इसलिए सिर्फ क्यूट लगती हो।
तब सुरभि ने कहा चाचू प्लीज बताओ ना मुझ में क्या क्यूट लगता है आपको ?मैंने कहा सुरभि मुझे तुम्हारी आंखें तुम्हारा चेहरा और तुम्हारी स्माइल बहुत ही ज्यादा क्यूट लगती है। तब सुरभि एक गहरी सांस लेते हुए बोली अच्छा और बताइए ना क्या अच्छा लगता है मुझे में ? मैंने कहा बाकी सब तो देखा नहीं है मैंने क्या बताऊं आपको? तो उसने कहां अच्छा प्लीज मेरा पैर बहुत दर्द हो रहा है प्लीज दबा दीजिए। मेने कहा सही बताओ तब उसने कहा हां चाचू सच में आइए। मैंने कहा यदि किसी ने देख लिया तो तब ?उसने कहा अरे कोई नहीं देखेगा यार चुपके से आ जाइए। सब लोग तो सो रहे हैं उस समय रात में लगभग 11:30 बजे थे। तब मैंने सुरभि से कहा अच्छा आप 12:00 बजे तक इंतजार कर सकती हो ? मैं 12:00 बजे आऊंगा मैंने सुरभि को 12:00 बजे का टाइम इसलिए दिया क्योंकि मैं उसे बताना चाह रहा था कि मैं खुद तुमसे मिलने के लिए रात में आ रहा हूं मतलब यदि कुछ गलत होने के चांसेस होंगे तो वह समझ जाएंगी। तब उसने कहा ठीक है चाचू मैं आपके लिए आधे घंटे और वेट कर लेती हूं। लेकिन इससे ज्यादा लेट मत करना प्लीज नहीं तो मैं सो जाऊंगी। और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है प्लीज मैंने कहा ठीक है तुम थोड़ी देर मुझसे चैटिंग करो तब तक 12:00 बज जाएंगे। और सब लोग सो जाएंगे और मैं आसानी से तुम्हारे कमरे में आ जाऊंगा ठीक है।
मैंने कहा अच्छा सुरभी अपनी कुछ और तस्वीरें तो भेजो तो उसने मुझे व्हाट्सएप पर कम से कम 15 20 फोटो भेज दिए। उसकी फोटो बहुत ही ज्यादा छोटे कपड़ों में थी। इसमें बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने कहा इसमें तुम क्यूट नहीं लग रही हो? तो उसने गुस्से वाला लोगों भेजते हुए कहा क्यों इसमें में गंदी लग रही हूँ क्या ? मैंने कहा नहीं इसमें तुम और कुछ लग रही हो. तो उसने कहा बताइए ना प्लीज चाचू कैसी लग रही हूं मुझे बहुत टेंशन हो रही है। मैंने कहा इसमें तो बहुत सेक्सी लग रही हो। तो वो बोली अच्छा आपको सेक्सी लड़की पसंद है? मैंने कहा मुझे तुम भी बहुत पसंद हो? बड़ी देर मत करो जल्दी आओ फिर हम लोगों ने कुछ देर और बात की और समय लगभग 11:55 हो चुका था मैंने कहा तुम दरवाजा खोलो मैं आ रहा हूं। हमारे यहां सभी लोग अलग-अलग सोते थे। सुरभि का भी अपना एक अलग कमरा था जिसमें अकेले सोती थी।
थोड़ी देर में मैं सुरभि कमरे में पहुंचा और मैंने उसे लेट जाने को कहा उस समय उसने एक छोटी चड्डी और ऊपर समीज पहन रखा था। जिसमें उसके थोड़े से झुकने पर उसके गोरे लाल निप्पल वाले बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे। और उसे देखते मेरा लण्ड एकदम टाइट हो चुका था मैंने उसे लिटा कर कहा में तुम्हारे पैर दबा देता हूँ। और मुझे वापस जल्दी से अपने कमरे में जाना है। तब वह बोली क्यों क्या करोगे कमरे में जाकर मैंने कहा क्या करूंगा रात में सब सोते हैं सब लोग मैं भी अपने कमरे में जाकर सो लूंगा। और क्या ?उसने कहा क्या यार चाचू आप भी इतनी क्यूट सेक्सी लड़कि आपके पास है और अब सोने की बातें कर रहे हैं। उसकी बातें सुनकर मैं समझ गया कि मुझे किसी भी काम के लिए मना नहीं करेगी क्योंकि यह खुद भी बहुत चालू है।
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पर मैंने उसे लिटा कर उसके पैरों को दबाना चालू किया। मैं पैरों के घुटने के नीचे दबा रहा था और उसने अपने हाथों को अपने से के पीछे कर रहा था जिससे उसके सफेद चिकने अंडर आर्म्स बहुत ही सेक्सी दिखाई दे रहे थे और उसमें किसी प्रकार का कोई बाल नहीं था। उसने मुझसे कहा चाचू पैर और ऊपर दबाइये ना वहां दर्द हो रहा है। फिर मैं उसकी जांघो तक अपने हाथ को ले गया फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वह अपने दोनों हाथों से तकिए को कसकर पकड़ कर आंखें बंद करके गरम गरम सांसे लेने लगी। में वो अब मचल रही है और चुदने को बेताब हो रही है।
में उसके जांघो पर अपने हाथों को फेरने लगा। और वह अचानक कस कर उठी और मुझे कसकर गले लगा लिया। और कहने लगी चाचू बहुत अच्छा लग रहा है और दबाइये ना फिर मैंने उससे कहा कि और कुछ भी दर्द हो रहा है? उसने कहा चाचू मेरे हाथ भी दर्द हो रहे हे फिर मैं उसके हाथों को दबाने लगा. हाथों को दबाते हुए उसके दोनों कंधों को दबाने लगा. थोड़ा और नीचे मैंने अपने हाथों की उंगलियों को अंदर डालते हुए उसके साइड ले गया, उसने कहा वाह चाचू बहुत अच्छा लग रहा है। मैं समझ गया कि यह अपने बूब्स अब मुझ से दबवाने वाली है फिर मैं अपने हाथों को उसके समीज के अंदर डालकर उसके बूब्स को मसलने लगा अब वह तड़पने लगी थी। फिर उसने मुझे कहा चाचा मेरे बूब्स चूसना प्लीज फिर म मैंने उसके समीज को उतार दिया।
उसके गुलाबी निप्पल इतने शानदार लग रहे थे कि बस मेरे मुंह में पानी आया और मैं उसे चूसता जा रहा था उसके निप्पल को मैं कस कर दबाने लगा तो उसने कहा चाचू प्लीज ज्यादा जोर से नहीं मुझे दर्द हो रहा है। उसकी इतनी क्यूट आवाज में यह सब सुनने पर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने उसके पूरे बदन को चाटना शुरू किया उसने अपने सारे कपडे निकाल कर पूरी नंगी हो गई। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। जिसमें से नमकीन पानी निकल रहा था और मैं उसकी चूत को चाटता चला गया। फिर मैंने उसे उठाकर उलटा कर दिया और उसकी गांड को चाटना शुरू किया फिर जी भर के उसके पूरे शरीर को चाटने लगा।
फिर उसने कहा चाचू प्लीज आप भी अपने कपड़े निकाल दिजिए ना तब मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल कर पूरी तरह नंगा हो गया। फिर मैं अपने लण्ड के टोपे को उसके होठों से लगाकर उसके मुंह में घुसाने लगा फिर उसने एक क्यूट सी स्माइल के साथ अपने मुंह को खोला और मेरे लण्ड को पूरा मुंह में भर लिया और जम जम से चूसने लगी फिर क्या था।
मैंने उसे वापस लेटा कर उसकी चूत में थूक लगाकर अपना लैंड को चूत के द्वार पर रखकर जोरदार धक्का मारा। जिससे मेरे लण्ड का टोपा उस की चूत में जा चुका था। और उसकी एक जोरदार चीख निकली। और थोड़ा सा ब्लड भी निकला। तो मैंने उसके होठों पर जोरदार किस किया। उसके बालों से अपनी को दबाए रखा और धीरे-धीरे करके दूसरे झटके में पूरा लण्ड अंदर भर दिया। उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसके मुंह में मेरा मुँह भरा था तो ज्यादा जोर से चीख नहीं निकली। कुछ दर्द के बाद उसे मजा आने लगा। और अब मेरी चोदने की स्पीड भी बढ़ गयी थी। उस रात मेंने उसे रात भर चोदा और सुबह 5:00 बजे अपने रूम में जाकर लेट गया। दोस्तों वो रात मेरे लिए बहुत हसीन रात थी। उम्मीद है आप लोगों को मेरी एक कहानी बहुत अच्छी लगी होगी धन्यवाद
मेरे ताऊजी के बड़े लड़के याने सुरभि के पापा मम्मी ने प्लान किया कि वह लोग हमारे यहां दिल्ली घूमने के लिए आएंगे। और फिर वहां से हम लोग और कहीं घूमने के लिए जाएंगे तो उन लोगों ने जब प्लान किया तो मुझे फोन करके भैया ने पूछा कि हम लोग 20 तारीख को तुम्हारे यहां आ रहे हैं ,तो क्या तुम हमारे साथ घूमने चलोगए यदि तुम्हें टाइम हो तो? मैंने कहा जी भैया बिल्कुल मैं आपके साथ चलूंगा। और मैंने पूछा आपके साथ कौन-कौन आ रहा है तो उन्होंने बताया कि तुम्हारी भाभी सुरभि और अनुज भी आ रहे हैं। अनुज सुरभि के छोटे भाई का नाम था। जो कि 12 साल का था। वहां से दिल्रली आकर उन लोगों का प्लान था कि दिल्ली में 2 दिन रुकेंगे पहले मेरे साथ दिल्ली में कुछ जगहों पर घूमेंगे उसके बाद हमारा प्लान पंजाब और जम्मू कश्मीर जाने का था।
अगले दिन जैसे ही वह लोग दिल्ली पहुंचे में उन्हें रिसीव करने गया तो मैंने देखा कि भैया भाभी अपने दोनों बच्चों के साथ वहां सकुशल पहुंच चुके हैं। सुरभि काफी बदल चुकी थी क्योंकि उसे मैंने लगभग 3 साल पहले देखा था जब वह एक छोटी बच्ची हुआ करती थी। लेकिन अब सुरभि बहुत ही बदल चुकी थी वह बहुत ही क्यूट और गोरे रंग की थी उसका रंग एकदम दूध के कलर का था जिससे उसकी स्किन बहुत चिकनी लगती थी और मैं उसे पहली नजर ने बस देखते ही रह गया।
अब में आप को अपने बारे में कुछ बातें बता देता हूं मेरी उम्र लगभग 26 साल है। में दिल्ली में एजुकेशन करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूं और मुझे शुरू से ही दिल्ली में ही रहना पसंद है। दोस्तों मैं दिखने में इतना ज्यादा स्मार्ट तो नहीं लेकिन मैं बहुत कामुक प्रवत्ति का व्यक्ति हूँ। पिछले कई सालों से या यूं कहें स्कूल के टाइम से ही पोर्न देखने की आदत हो चुकी है। और में इतना ज्यादा कामुक हो चुका था की मैंने इंटरनेट पर उपलब्ध कहीं सारी पोर्न मूवीस देख डाली। और उसके बाद मेरा इस प्रकार की फिल्मों से इंटरेस्ट खत्म हो गया। और अब मेरा इंटरेस्ट है इंटरनेट पर सेक्स स्टोरी पढ़ने का हो गया है। और मैंने टॉप के सभी वेबसाइट की सेक्सी स्टोरीज को पढ़ डाला है। और अभी मैं एक लेटेस्ट साइट sexstoryhindi.xyz पर स्टोरी पढ़ रहा हूं और यहीं से मुझे आईडिया मिला कि मैं आप लोगों के लिए ये कहानी शेयर करु। .
दोस्त वापस आते अपनी कहानी पर मैंने जैसे ही सुरभि को दिखा उसे देखकर मेरा मन मचल गया। और मैं उसके गोरे गालों पर बस एक बार किस करना चाहता था। लेकिन करता भी क्या वह रिलेशनशिप में जो थी। इसलिए मुझे भी काफी संकोच हो रहा था। क्योंकि वह रिश्ते में मेरी भतीजी लगती थी। फिर ठीक है लेकिन जो सुंदर है सुंदर ही रहेगा। और मन को तो कोई मचलने से नहीं रोक सकता। आप लोगों के साथ भी ऐसा होता मुझे पता है इस उमर में अक्सर ऐसा होता है। तो हम लोग घर पहुंचे तो उस दिन सारे लोग आराम करने लगे क्योंकि वह लोग सफर से आए थे वह काफी थक गए थे।
लेकिन सुबह जब खाने पर सब लोग एक साथ इकट्ठा हो गए तो मैंने देखा कि सुरभि ने मिनी स्किर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था। जिसमें बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसके बदन पर एक भी बाल या यूं कहें रूये नहीं थे जिससे वह बहुत ही ज्यादा चिकनी लग रही थी।उसे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। में धीरे से सुरभि के साइड में जाकर बैठ गया। और हम लोग खाना खाने लगे सुरभि ने मेरी तरफ देखते मुझसे बातें करना चालू कर दी। मुझे लगा कि वह बदल गई है तो मुझसे ज्यादा बात भी नहीं करेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं था वह बहुत ही ज्यादा फ्रैंक और ओपन माइंडेड थी वह मेरे पास में बैठ कर मुझसे खूब बातें करने लगे बार-बार मुझसे चिपक जा रहे थी मैंने भी उस दिन टीशर्ट और लोअर पहन रखा था तो मेरी टी-शर्ट जो कि हॉप थी दोस्तों जब उसकी बाहें है मेरी बाहों से टकरा रही थी तो मेरे शरीर में करंट सा दौड़ रहा था।
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मैं बस उसी को घूरे जा रहा था जब भी बातें करती तो उसके गुलाबी रंग के लिप्स मेरा लण्ड खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। मैं खाना खाने के बाद तुरंत बाथरूम में जाकर मूठ मारी। क्योंकि उसने मतलब सुरभि ने मेरा लण्ड को खड़ा कर दिया था। और मैं बस उसे एक बार कस कर चोदना चाहता था। मैं अपना लण्ड का टोपा उसके लिप्स में रगड़ना चाहता था। मैं बस यही सोच कर पागल हो रहा था कि उसके गोरे बदन पर जब मेरे वाइट रंग का वीर गिरेगा तो क्या मजा आएगा। फिर क्या था में उसके पीछे पड़ गया और हमेशा से चिपके रहता। चूँकि रिलेशनशिप होने के कारण कोई शक भी नहीं कर सकता था।
फिर हम लोग शाम को जब घूमने गए तो मैं हमेशा उसका ख्याल रखता और उसे आइसक्रीम खिला ना जैसे काम करना आदि कर रहा था। ताकि उस का अटेंशन मुझ पर बना रहे। और बार-बार उसकी नजरों के सामने आ रहा था। वह खुद भी मुझसे इतना ज्यादा घुल मिल गई की बार-बार मुझसे ही बातें करती और सब लोग अलग चलते और हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़कर अलग चलते। और जब हम शाम को घर आया तो भी मैं देर रात तक उसके साथ बैठकर बातें किया।अभी मैं उससे इसलिए ऐसी प्यार वाली बातें कर रहा था क्योंकि वह केवल 19 साल की थी। तो उसे सेक्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं होगा ऐसा मुझे लग रहा था इसलिए मैं उसे पटाने में लगा हुआ था।
अगले दिन हम फिर दिल्ली में अलग लोकेशन पर घूमने के लिए निकल गए शाम को जब घूम फिर कर घर पर आये तो वह काफी थक चुकी थी। और अपने दोनों बांहें मेरे गले में डालते हुए मुझ पर झूल गई और बोलो चाचू मैं बहुत थक गई हूं। प्लीज मुझे सुला लो ना मैंने बोला चलो अपने कमरे में सो जाओ। मुझे उठा कर ले चलो मैंने मजाक में कहा अरे पगली तेरा वजन बहुत ज्यादा है मैं तुझे नहीं उठा पाऊंगा। फिर हम दोनों आपस में मस्ती करने लगे। और उसे मैं कमरे तक ले गया और मैंने उसे कहा ठीक है तुम सो मैं जा रहा हूं। तो उसने कहा आज मेरे बहुत पैर दर्द हो रहे हैं काश कोई होता दबाने वाला तो दबा देता। तो मुझे एहसास हुआ कि वह मेरे जाल में फंस चुकी हैं मैंने कहा ज्यादा पैर दर्द करे तो मुझे बुला लेना मैं पैर दबा दूंगा। उसने कहा अच्छा सच में चाचू आपको पैर दबाना आता है ?मैंने कहा मुझे पैर दबाना भी आता है और तुम्हारा गला दबाना भी आता है। और हम हंसने लगे और मैं अपने कमरे में आकर लेट गया।
अपने मोबाइल को चेक करने लगा था कि अचानक सुरभि का मैसेज आया उसने लिखा चाचू मुझे नींद नहीं आ रही है। मैंने पूछा क्यों क्या? हुआ पैर ज्यादा दर्द हो रहे हैं क्या? तो सुरभि ने कहा हां चाचु। मैंने कहा रुको तुम्हारे लिए टेबलेट ला देता हूं। सुरभि ने कहा नहीं टेबलेट नहीं आप आकर दबा दीजिए मैंने कहा अच्छा सच में ?हां चाचा मैंने कहा रहने दो यार नहीं तो कोई देखेगा तो कहेगा कि मैं तुम्हारे कमरे में इतनी रात में क्या कर रहा था ? तो वो बोली आपको मतलब मेरे पैर दबाना नहीं है। मैंने कहा नहीं यार क्यूट हो में तुम्हें कैसे मना कर सकता हूं। तो उसने कहा सच में मैं को क्यूट लगती हूं ?मैंने कहा तुम हो क्यूट और मुझे अच्छी लगती हो। मैंने बोला अभी तो ज्यादा कुछ देखा नहीं है इसलिए सिर्फ क्यूट लगती हो।
तब सुरभि ने कहा चाचू प्लीज बताओ ना मुझ में क्या क्यूट लगता है आपको ?मैंने कहा सुरभि मुझे तुम्हारी आंखें तुम्हारा चेहरा और तुम्हारी स्माइल बहुत ही ज्यादा क्यूट लगती है। तब सुरभि एक गहरी सांस लेते हुए बोली अच्छा और बताइए ना क्या अच्छा लगता है मुझे में ? मैंने कहा बाकी सब तो देखा नहीं है मैंने क्या बताऊं आपको? तो उसने कहां अच्छा प्लीज मेरा पैर बहुत दर्द हो रहा है प्लीज दबा दीजिए। मेने कहा सही बताओ तब उसने कहा हां चाचू सच में आइए। मैंने कहा यदि किसी ने देख लिया तो तब ?उसने कहा अरे कोई नहीं देखेगा यार चुपके से आ जाइए। सब लोग तो सो रहे हैं उस समय रात में लगभग 11:30 बजे थे। तब मैंने सुरभि से कहा अच्छा आप 12:00 बजे तक इंतजार कर सकती हो ? मैं 12:00 बजे आऊंगा मैंने सुरभि को 12:00 बजे का टाइम इसलिए दिया क्योंकि मैं उसे बताना चाह रहा था कि मैं खुद तुमसे मिलने के लिए रात में आ रहा हूं मतलब यदि कुछ गलत होने के चांसेस होंगे तो वह समझ जाएंगी। तब उसने कहा ठीक है चाचू मैं आपके लिए आधे घंटे और वेट कर लेती हूं। लेकिन इससे ज्यादा लेट मत करना प्लीज नहीं तो मैं सो जाऊंगी। और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है प्लीज मैंने कहा ठीक है तुम थोड़ी देर मुझसे चैटिंग करो तब तक 12:00 बज जाएंगे। और सब लोग सो जाएंगे और मैं आसानी से तुम्हारे कमरे में आ जाऊंगा ठीक है।
मैंने कहा अच्छा सुरभी अपनी कुछ और तस्वीरें तो भेजो तो उसने मुझे व्हाट्सएप पर कम से कम 15 20 फोटो भेज दिए। उसकी फोटो बहुत ही ज्यादा छोटे कपड़ों में थी। इसमें बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने कहा इसमें तुम क्यूट नहीं लग रही हो? तो उसने गुस्से वाला लोगों भेजते हुए कहा क्यों इसमें में गंदी लग रही हूँ क्या ? मैंने कहा नहीं इसमें तुम और कुछ लग रही हो. तो उसने कहा बताइए ना प्लीज चाचू कैसी लग रही हूं मुझे बहुत टेंशन हो रही है। मैंने कहा इसमें तो बहुत सेक्सी लग रही हो। तो वो बोली अच्छा आपको सेक्सी लड़की पसंद है? मैंने कहा मुझे तुम भी बहुत पसंद हो? बड़ी देर मत करो जल्दी आओ फिर हम लोगों ने कुछ देर और बात की और समय लगभग 11:55 हो चुका था मैंने कहा तुम दरवाजा खोलो मैं आ रहा हूं। हमारे यहां सभी लोग अलग-अलग सोते थे। सुरभि का भी अपना एक अलग कमरा था जिसमें अकेले सोती थी।
थोड़ी देर में मैं सुरभि कमरे में पहुंचा और मैंने उसे लेट जाने को कहा उस समय उसने एक छोटी चड्डी और ऊपर समीज पहन रखा था। जिसमें उसके थोड़े से झुकने पर उसके गोरे लाल निप्पल वाले बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे। और उसे देखते मेरा लण्ड एकदम टाइट हो चुका था मैंने उसे लिटा कर कहा में तुम्हारे पैर दबा देता हूँ। और मुझे वापस जल्दी से अपने कमरे में जाना है। तब वह बोली क्यों क्या करोगे कमरे में जाकर मैंने कहा क्या करूंगा रात में सब सोते हैं सब लोग मैं भी अपने कमरे में जाकर सो लूंगा। और क्या ?उसने कहा क्या यार चाचू आप भी इतनी क्यूट सेक्सी लड़कि आपके पास है और अब सोने की बातें कर रहे हैं। उसकी बातें सुनकर मैं समझ गया कि मुझे किसी भी काम के लिए मना नहीं करेगी क्योंकि यह खुद भी बहुत चालू है।
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पर मैंने उसे लिटा कर उसके पैरों को दबाना चालू किया। मैं पैरों के घुटने के नीचे दबा रहा था और उसने अपने हाथों को अपने से के पीछे कर रहा था जिससे उसके सफेद चिकने अंडर आर्म्स बहुत ही सेक्सी दिखाई दे रहे थे और उसमें किसी प्रकार का कोई बाल नहीं था। उसने मुझसे कहा चाचू पैर और ऊपर दबाइये ना वहां दर्द हो रहा है। फिर मैं उसकी जांघो तक अपने हाथ को ले गया फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वह अपने दोनों हाथों से तकिए को कसकर पकड़ कर आंखें बंद करके गरम गरम सांसे लेने लगी। में वो अब मचल रही है और चुदने को बेताब हो रही है।
प्यारी भतीजी की पहली चुदाई |
में उसके जांघो पर अपने हाथों को फेरने लगा। और वह अचानक कस कर उठी और मुझे कसकर गले लगा लिया। और कहने लगी चाचू बहुत अच्छा लग रहा है और दबाइये ना फिर मैंने उससे कहा कि और कुछ भी दर्द हो रहा है? उसने कहा चाचू मेरे हाथ भी दर्द हो रहे हे फिर मैं उसके हाथों को दबाने लगा. हाथों को दबाते हुए उसके दोनों कंधों को दबाने लगा. थोड़ा और नीचे मैंने अपने हाथों की उंगलियों को अंदर डालते हुए उसके साइड ले गया, उसने कहा वाह चाचू बहुत अच्छा लग रहा है। मैं समझ गया कि यह अपने बूब्स अब मुझ से दबवाने वाली है फिर मैं अपने हाथों को उसके समीज के अंदर डालकर उसके बूब्स को मसलने लगा अब वह तड़पने लगी थी। फिर उसने मुझे कहा चाचा मेरे बूब्स चूसना प्लीज फिर म मैंने उसके समीज को उतार दिया।
उसके गुलाबी निप्पल इतने शानदार लग रहे थे कि बस मेरे मुंह में पानी आया और मैं उसे चूसता जा रहा था उसके निप्पल को मैं कस कर दबाने लगा तो उसने कहा चाचू प्लीज ज्यादा जोर से नहीं मुझे दर्द हो रहा है। उसकी इतनी क्यूट आवाज में यह सब सुनने पर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने उसके पूरे बदन को चाटना शुरू किया उसने अपने सारे कपडे निकाल कर पूरी नंगी हो गई। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। जिसमें से नमकीन पानी निकल रहा था और मैं उसकी चूत को चाटता चला गया। फिर मैंने उसे उठाकर उलटा कर दिया और उसकी गांड को चाटना शुरू किया फिर जी भर के उसके पूरे शरीर को चाटने लगा।
फिर उसने कहा चाचू प्लीज आप भी अपने कपड़े निकाल दिजिए ना तब मैंने भी अपने सारे कपड़े निकाल कर पूरी तरह नंगा हो गया। फिर मैं अपने लण्ड के टोपे को उसके होठों से लगाकर उसके मुंह में घुसाने लगा फिर उसने एक क्यूट सी स्माइल के साथ अपने मुंह को खोला और मेरे लण्ड को पूरा मुंह में भर लिया और जम जम से चूसने लगी फिर क्या था।
मैंने उसे वापस लेटा कर उसकी चूत में थूक लगाकर अपना लैंड को चूत के द्वार पर रखकर जोरदार धक्का मारा। जिससे मेरे लण्ड का टोपा उस की चूत में जा चुका था। और उसकी एक जोरदार चीख निकली। और थोड़ा सा ब्लड भी निकला। तो मैंने उसके होठों पर जोरदार किस किया। उसके बालों से अपनी को दबाए रखा और धीरे-धीरे करके दूसरे झटके में पूरा लण्ड अंदर भर दिया। उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसके मुंह में मेरा मुँह भरा था तो ज्यादा जोर से चीख नहीं निकली। कुछ दर्द के बाद उसे मजा आने लगा। और अब मेरी चोदने की स्पीड भी बढ़ गयी थी। उस रात मेंने उसे रात भर चोदा और सुबह 5:00 बजे अपने रूम में जाकर लेट गया। दोस्तों वो रात मेरे लिए बहुत हसीन रात थी। उम्मीद है आप लोगों को मेरी एक कहानी बहुत अच्छी लगी होगी धन्यवाद
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